यूपी/बिहार वाले नहीं चुकाते इंकम टैक्स

हरिकिशन शर्मा/नई दिल्ली। देश का हर चौथा व्यक्ति उत्तर प्रदेश और बिहार का निवासी है लेकिन आयकर के रूप में सरकारी खजाने में जाने वाले एक रुपये में से इन राज्यों का योगदान पांच पैसे के बराबर भी नहीं है। ये प्रदेश न सिर्फ आयकर देने में फिसड्डी हैं बल्कि आयकर संग्रह में सालाना वृद्धि के मामले में भी इनकी चाल सुस्त है।

वहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे अन्य 'बीमारू' राज्य न सिर्फ आयकर संग्रह में तेज वृद्धि हासिल कर राष्ट्रीय औसत को पीछे छोड़ रहे हैं बल्कि हाल के वर्षों में कुल आयकर संग्रह में उनका योगदान भी बढ़ा है।

आयकर विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2010-11 से 2014-15 के दौरान देश में आयकर संग्रह 4.46 लाख करोड़ से बढ़कर 6.95 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस तरह इसमें सालाना औसतन 11.79 फीसद की वृद्धि हुई। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में इस दौरान आयकर संग्रह 19,850 करोड़ से बढ़कर मात्र 25,373 करोड़ रुपये ही हुआ।

इस तरह इसमें औसत वार्षिक वृद्धि 6.97 फीसद रही जो राष्ट्रीय औसत की तुलना में काफी कम है। यही हाल बिहार के मामले में रहा जहां इस अवधि में आयकर संग्रह 2,581 करोड़ रुपये से बढ़कर सिर्फ 3,597 करोड़ रुपये हुआ। इस तरह बिहार में औसतन सालाना वृद्धि मात्र 10.26 फीसद रही।

बिहार में आयकर में धीमी वृद्धि की एक वजह यह है कि वित्त वर्ष 2014-15 में वहां आयकर संग्रह में 19.90 फीसद की गिरावट आई थी। चिंताजनक बात यह है कि बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों का देश के कुल आयकर संग्रह में योगदान बढ़ने के बजाय कम हुआ है। वर्ष 2010-11 में कुल आयकर संग्रह में उत्तर प्रदेश का योगदान 4.44 फीसद था जबकि 2014-15 में यह घटकर 3.65 फीसद रह गया। इसी तरह बिहार का योगदान भी इस अवधि में 0.58 फीसद से घटकर 0.52 फीसद रह गया। इस तरह देश के खजाने में आयकर के रूप में इन दोनों राज्यों का योगदान पांच फीसद भी नहीं है।

आगे निकले दूसरे 'बीमारू' राज्य
आयकर देने के मामले में मध्य प्रदेश और राजस्थान का प्रदर्शन बेहतर है। मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है जहां 2010-11 से 2014-15 के दौरान आयकर में सालाना औसत वृद्धि न सिर्फ राष्ट्रीय औसत से अधिक रही है बल्कि सामान्य श्रेणी के सभी राज्यों में सर्वाधिक रही। इस अवधि में मध्य प्रदेश में आयकर संग्रह 6,756 करोड़ से बढ़कर 14,777 करोड़ रुपये हुआ। इस तरह इसमें सालाना करीब 22 फीसद की वृद्धि हुई और देश के कुल आयकर संग्रह में मध्य प्रदेश का योगदान 1.84 फीसद से बढ़कर 2.12 फीसद हो गया। राजस्थान में भी इस अवधि में आयकर संग्रह में करीब 19 फीसद वृद्धि हुई और देश के कुल आयकर संग्रह में राज्य का योगदान भी 1.30 फीसद से बढ़कर 1.63 फीसद हो गया।

उत्तराखंड और झारखंड की स्थिति भी बेहतर नहीं
2010-11 से 2014-15 के बीच उत्तराखंड में आयकर संग्रह में मात्र 6.7 फीसद सालाना वृद्धि हुई जिसके चलते कुल आयकर संग्रह में राज्य का योगदान 0.24 फीसद से घटकर 0.17 फीसद रह गया। इसी तरह झारखंड में भी आयकर संग्रह में इस अवधि में मात्र 3.31 फीसद वृद्धि रही और देश के कुल आयकर संग्रह में राज्य का योगदान 0.38 फीसद से घटकर 0.15 फीसद रह गया।

महाराष्ट्र का सर्वाधिक योगदान
आयकर में सर्वाधिक योगदान महाराष्ट्र का है जो 38 फीसद है। राज्य में आयकर संग्रह में वृद्धि 13.69 फीसद है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।

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