
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि इमारत को निशाना बनाकर चार रॉकेट दागे गए। इसमें से एक इमारत पर लगा। इसके अलावा दो रॉकेट पास के इलाकों में गिरे और एक पास में ही स्थित सैन्य ठिकाने पर गिरा। सांसद सफिउल्लाह मुस्लिम ने बताया कि परिसर में मौजूद संसद सदस्य और अधिकारी पूरी तरह सुरक्षित हैं।
तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कुछ तस्वीरें जारी की है। इनमें संसद परिसर के पास से धुआं उठता दिख रहा है। अफगानी राजधानी के उस इलाके में आमतौर पर तालिबान रॉकेट हमला नहीं करता जहां सरकारी इमारतें और राजनयिक कार्यालय हैं।
मोदी ने किया था उद्घाटन
युद्ध से जूझ रहे अफगानिस्तान में भारत की मित्रता की मिसाल के तौर पर बनी इस संसद का काम 2007 में शुरू हुआ था। नौ करोड़ डॉलर की लागत से बने इस इमारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन महीने पहले ही उद्घाटन किया था। इसका डिजाइन मुगल और आधुनिक स्थापत्य कला पर आधारित है। इसका गुंबद एशिया का सबसे बड़ा गुंबद माना जाता है।