
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने कहा यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। इस मामले पर विचार करना जरूरी है। अदालत ने दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग, एसडीएमसी, पुलिस आयुक्त और दोनों स्कूलों से उनकी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने और यह बताने के लिए कहा है कि वर्तमान हादसों के मद्देनजर उनका क्या कार्रवाई करने का प्रस्ताव है।
दोनों स्कूलों में से एक स्कूल रेयान इंटरनेशनल है और दूसरा स्कूल कापसहेड़ा में एमसीडी द्वारा संचालित है। अदालत ने सभी संबद्ध प्राधिकारियों को नोटिस जारी कर भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी मांगी है। संबद्ध प्राधिकारियों से अदालत ने नौ फरवरी से पहले जवाब मांगा है।
जनहित याचिका बिजवासन विधानसभा क्षेत्र के विधायक कर्नल (सेवानिवृत्त) देविंदर सहरावत ने दाखिल की है। अधिवक्ता कमलेश कुमार मिश्रा के माध्यम से दाखिल याचिका में बच्चों की मौत के मामलों की न्यायिक जांच कराने तथा सभी स्कूलों के आपदा प्रबंधन आकलन के लिए आग्रह किया गया है।
वसंत कुंज स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में पहली कक्षा के छात्र दिव्यांश ककरोरा की 30 जनवरी को स्कूल की एक टंकी में गिरने के बाद मौत हो गई थी। दक्षिण दिल्ली के कापसहेड़ा में एमसीडी के एक स्कूल में 27 जनवरी को पांच साल के बच्चे अंकित की एक खुले सेप्टिक टैंक में गिरने से मौत हो गई थी।
याचिका में सहरावत ने बच्चों के परिवार वालों को मुआवजे के तौर पर 50, 50 लाख रूपये का भुगतान करने का आदेश देने का आग्रह भी किया है।
इस याचिका में कहा गया है याचिकाकर्ता अनुरोध करता है कि ऐसी भयावह घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं और नागरिकों के स्वास्थ्य तथा जीवन की रक्षा करने के लिए नियुक्त प्राधिकारी अपने दायित्वों का निर्वाह करें जिसके लिए उन्हें सरकारी कोष से अच्छा खासा वेतन भुगतान होता है।