सीएम शिवराज सिंह की घोषणा एक्सप्रेस पर हाईकोर्ट का नोटिस

इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान को नोटिस जारी कर एक सभा में उनके द्वारा किए गए चुनावी वादों पर सफाई मांगी है। ये नोटिस कांग्रेस नेता अंतरसिंह दरबार द्वारा भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ लगाई याचिका की सुनवाई के दौरान जारी किया है। सीएम को 17 फरवरी को कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है।

क्या है मामला
कांग्रेस नेता अंतर सिंह दरबार ने पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ चुनाव में अनुचित साधनों का उपयोग करने और मतदाताओं को प्रलोभन देने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। दरबार की तरफ से महू में सीएम की एक चुनावी सभा की सीडी कोर्ट में पेश की गई थी। 20 नवंबर 13 को महू के शंकर लक्ष्मण मैदान में हुई इस सभा में सीएम ने महू में मेट्रो ट्रेन चलाने और गरीब किसानों को जमीन के पट्टे देने की घोषणा की थी। मंच पर भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद थे। घोषणा कर शिवराज सिंह चौहान ने कैलाश विजयवर्गीय के लिए वोट मांगे थे।

दरबार के वकील ने भाजपा का घोषणा-पत्र प्रस्तुत कर कोर्ट को बताया कि सीएम ने कैलाश विजयवर्गीय के लिए वोट लेने के लिए झूठी घोषणा की थी। भाजपा के घोषणा पत्र में इनका कोई जिक्र नहीं था। गवाहों ने भी इस बात का समर्थन किया। इस दलील से सहमत होकर जस्टिस आलोक वर्मा की बेंच ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को इस मामले में मंगलवार को नोटिस जारी किया है। सीएम को 17 फरवरी को कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है।
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