काले धन पर अब तो कुछ कीजिये

राकेश दुबे@प्रतिदिन। विशेष जांच दल (एसआईटी)ने डी  आर आई को कालेधन पर कार्रवाई करने को कहा है |  यह निर्णय दिसम्बर २०१५  में अमेरिकी शोध संस्थान ग्लोबल फाइनेंसिल इंटेग्रिटी (जीएफआई) द्वारा किए गए खुलासे का परिणाम है, जिसकी रिपोर्ट के मुताबिक २००४  से २०१३ के बीच औसतन हर वर्ष ५१  अरब डॉलर की राशि गैरकानूनी ढंग से भारत से बाहर भेजी गयी ऐसा भी रिपोर्ट से उद्घाटित हुआ है कि कालेधन का सबसे ज्यादा हिस्सा आयात-निर्यात व अन्य कारोबार की आड़ में भेजा गया|  कहा गया है कि कालेधन के कारोबारी निर्यात करते समय वस्तुओं का मूल्य कम दर्शाकर देश में पूरा भुगतान नहीं मंगाते और इसी तरह आयात की कीमत ज्यादा दिखाकर विदेश में ज्यादा धन भेज देते हैं|  गत वर्ष स्विट्जरलैंड में एचएसबीसी बैंक में ११९५  भारतीय खाताधारकों और उनके खातों में २५४२० करोड़ रुपये होने का खुलासा हुआ|

एसोचैम की मानें तो विदेशों में भारतीयों का करीब २०  खरब डॉलर जमा है. स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक एसएनबी का कहना है कि स्विट्जरलैंड के बैंकों की कुल वैश्विक संपत्ति में भारतीयों से संबंधित जमा राशि का हिस्सा सिर्फ ०.१५ फीसद है| उसका यह भी कहना है कि २०१३  के दौरान स्विस बैंकों में रखा भारतीय धन ४३  फीसद बढ़कर १४०००  करोड़ रुपये के करीब (२.०३ अरब स्विस फ्रैंक) हो गया है| जबकि २०१३  के अंत में यह रकम १.४२ अरब स्विस फ्रैंक थी| धनराशि के लिहाज से भारत ५८  वें स्थान पर आ गया है जबकि २०१२  में ७० वें स्थान पर था. तथ्य यह भी कि स्विस बैंकों में भारतीयों की काली कमाई का करीब दो तिहाई हिस्सा सिर्फ यूबीएस और क्रेडिट सुइस में ही जमा है| इन दोनों बैंकों में दुनिया भर के ग्राहकों के कुल धन का तकरीबन ६५  फीसद यानी करीब ८५७  अरब स्विस फ्रैंक (६० लाख करोड़ से अधिक) जमा है|  स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक एसएनबी ने जिस धन को स्विस बैंकों की देनदारी करार दिया है, उसमें कालाधन की मात्रा का संकेत नहीं मिलता|

ऐसे में भारत सरकार के लिए कालाधन को चिह्ति कर वापस लाना आसान नहीं है| अगर स्विस प्रशासन सभी भारतीय खाताधारकों की सूची उपलब्ध कराता है तो फिर सरकार के लिए कालाधन जमा करने वालों को चिंहित करना आसान होगा,लेकिन इसके लिए भी उसे सबसे पहले उन लोगों के खिलाफ वित्तीय आपराधिक मामला दर्ज करना होगा, जिन्होंने धन जमा कर रखा है| अगर स्विस प्रशासन सहयोग नहीं करता है तो फिर कालेधन के कुबेरों पर शिंकजा कसना आसान नहीं होगा|
  • श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।   
  • संपर्क  9425022703   
  • rakeshdubeyrsa@gmail.com

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