पुराना पारिश्रमिक नहीं मिला तो परीक्षा ड्यूटी नहीं करेंगे

उमरिया। विश्वविद्यालयीन परीक्षा अपने क्षेत्रांतर्गत महाविद्यालयों में आयोजित की जाती है और महाविद्यालयों में प्राध्यापकों की इतनी कमी है कि वे परीक्षा केन्द्र में केन्द्राध्यक्ष और सहायक केन्द्राध्यक्ष भी नियुक्त नहीं कर पाते हैं, इसलिए जिला प्रशासन के सहयोग से स्कूल शिक्षा विभाग से शिक्षकों की ड्यूटी वीक्षकीय कार्य में लगाई जाती है। शासकीय महाविद्यालय उमरिया में विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाओं में कार्य करने वाले स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों को विगत चार वर्षों से वीक्षकीय पारिश्रमिक का भुगतान नहीं किया गया है, जिससे आक्रोशित होकर शिक्षकों ने कुल सचिव, अप्र सिंह विश्वविद्यालय को एक अभ्यावेदन भी भेजा है, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि उनके लंबित वीक्षकीय कार्य का भुगतान विश्वविद्यालय द्वारा तत्काल किया जावे अन्यथा में आगामी सेमेस्टर परीक्षाओं में वीक्षकीय कार्य नहीं करेंगे, जिसकी प्रतिलिपि शिक्षकों ने आयुक्त, उच्च शिक्षा भोपाल, क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा रीवा, कलेक्टर, जिला-उमरिया, जिला शिक्षा अधिकारी उमरिया तथा प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय उमरिया को भी दी है।

सुविधा शुल्क दी जाए
विश्वविद्यालय के कर्मचारियों द्वारा यह कहा जाता है कि जब तक उन्हें सुविधा शुल्क प्राप्त नहीं होगी वे लंबित बिलों का भुगतान नहीं करेंगे। कुछ वर्षों के बिलों का भुगतान महाविद्यालय में चेक के माध्यम से भेजा गया है, किन्तु उन बिलों में मनमाने ढंग से कटौती भी कर ली गई है। कटौती किस मद में की गई है और क्यों की गई इसका कोई भी कारण स्पष्ट नहीं किया गया है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा आयोजित हायर सकेण्डरी एवं हाई स्कूल के परीक्षाओं के अलावा अन्य परीक्षाओं के वीक्षकीय कार्य का भुगतान तो तत्काल कर दिया जाता है, किन्तु विश्वविद्यालय द्वारा उनके वीक्षकीय पारिश्रमिक का भुगतान लंबित समय तक रखे जाने की क्या वजह है, यह आज तक पता नहीं चल पाया। भूपेन्द्र सिंह एवं अमरनाथ यादव आदित शिक्षकों ने इस संबंध में सीएम हेल्पलाईन में तदाशय की शिकायतें भी की है। देखना है कि विश्वविद्यालय शिकायतों का निराकरण कब करता है।

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