
आपको बता दे की उस समय तकरीबन 1133 लोगो की जान चली गई थी. उस भड़की हिंसा से आज भी उसका ग्रास हो चुके लोग सहम जाते है. उस प्रताड़ना के कारण आज भी बहुत से लोग इसका दंश झेल रहे है. बहुत से लोग उस हिंसा के बाद मानसिक रूप से पागल व बहुत से लोग विकलांग हो गए. उन्हें आज भी इंसाफ का इंतजार है. यह पूरा ही ब्यौरा हमे ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट जिसे प्रकाशित किया गया है. उस रिपोर्ट से यह सभी बाते उजागर हुई है. इस हिंसा के बारे में केन्या की सरकार ने भी अपनी और से दुःख व्यक्त करते हुए इसे एक शर्मनाक घटना करार दिया है.