कलेक्टर के खिलाफ पुलिसिया प्रपंच फुस्स: नहीं मिले सबूत, बैरंग लौटी SIT

सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। फर्जी टीपी और लकडी के अवैध परिवहन के मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम के प्रमुख श्री नीरज सोनी ने बताया की कलेक्टर व्ही किरण गोपाल के गृह निवास में पहुची पुलिस टीम बालाघाट वापस आ गई है जांच टीम ने सागौन की लकडियां नियमानुसार खरीदी करना पाया है जिसमें सागौन की लकडियों की बिल बाउचर मिले है तथा जिस बैंक खातों से सागौन की लकडी खरीदेने के लिये भुगतान किया गया था वहां बैक अकाउंट का खाता कलेक्टर के पिता का होना पाया गया है। जो कि लोन एकाउंट है जिसके जरिये लकडी खरीदने का भुगतान आंनलाइन किया गया है।

श्री नीरज सोनी ने बताया की सागौन के परिवहन कि लिये जारी की गई टीपी की जांच किया जाना है। इस टीपी काण्ड में फरार चल रहे एसडीओ, रेंजर तथा सेवानिवृत्त रेंजर के खाते सीज कर लिये जायेगें तथा तीनों अधिकारियों के वेतन और पेंशन भुगतान पर रोक लगाने के लिये सीसीएफ बालाघाट को पत्र लिखा गया है। इस काण्ड के उजागर होने के बाद से एसडीओ डीएस धुर्वे, रेंजर राजेश चौहान और रिटायर रेंजर बी एस राजौरिया फरार चल रहें है। इन तीनों की गिरफतारी के लिये पुलिस महानिरीक्षक श्री डीसी सागर ने 30-30 हजार रूपये के इनाम की घोषणा की है।

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