
जानकारी के मुताबिक पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए डीआईजी संतोष कुमार सिंह ने लूट, हत्या जैसे अपराधों में अपराधी को पकड़ने में सफलता पाने पर संबंधित टीम को इनाम देना शुरू किया था. लेकिन डीआईजी ने इनाम देते हुए महज 5 महीने के अंदर ही करीब 15 लाख की राशि बांट दी.
इसकी जानकारी एडीजी विपिन माहेश्वरी को लगते ही उन्होंने इनाम का रिकॉर्ड तलब कर लिया. रिकॉर्ड सामने आने के बाद उन्होंने न सिर्फ क्राइम ब्रांच को दिए गए 5 लाख के इनाम को अनुचित बताया बल्कि एसपी को संबंधित टीम से राशि रिकवर करने के भी निर्देश दे दिए.