दाल की सट्टेबाजी का रिकॉर्ड 90 करोड़ पेज में: BPL, GWL और JBP से जुड़े तार

भोपाल। दाल की सट्टेबाजी की जांच के लिए आयकर विभाग द्वारा अरिहंत कमोडिटी और मनोज अग्रवाल के यहां मारे गए छापे में 25 टीबी (टेराबाइट) डाटा जब्त किया है। यह डाटा हार्डडिस्क में लिया गया है। यदि इस डाटा को कागज पर लिया जाए तो करीब 90 करोड़ पेज प्रिंट कराने होंगे। इसमें मूल रूप से अरिहंत टर्मिनल से जुड़े एक लाख से ज्यादा ग्राहकों के बीते पांच सालों के ट्रांजेक्शन हैं। साथ ही सटोरिए मनोज अग्रवाल के लैपटॉप, तीन मोबाइल के साथ 35 लाख रुपए भी जब्त किए गए हैं। 

चना और तुअर दाल का निकला संबंध 
एनसीडीएक्स पर तुअर दाल रजिस्टर्ड नहीं है, लेकिन चना दाल है। सटोरियों ने चना दाल की सौदेबाजी एनसीडीएक्स पर कर चालाकी से तुअर दाल के दाम में बढ़ोतरी का खेल कर दिया। जांच में अधिकारियों ने जब एनसीएक्स के कारोबार को समझा तो पता चला कि चना दाल और तुअर दाल के कारोबार में एक अनुपात चलता है, यदि एनसीडीएक्स पर चना दाल के भाव घट-बढ़ रहे हैं तो उसी अनुपात में तुअर के भी घटते-बढ़ते हैं। 
एक दिन में किए देश के 20 फीसदी दाल के सौदे 
अरिहंत टर्मिनल के जरिए अग्रवाल चने के सौदे तो एनसीडीएक्स पर कर रहा था, वहीं तुअर दाल के सौदों का हिसाब वह रजिस्टर में रख रहा था। इस रजिस्टर में सबूत मिले हैं कि अग्रवाल ने किसी-किसी दिन देश में आने वाली कुल दाल में से 16 से लेकर 20 फीसदी तक के सौदे अकेले किए हैं। ऐसा अग्रवाल द्वारा कई बार किया गया। दाल के दाम बढ़ाने के पीछे जिन छह बड़े सटोरियों का हाथ माना जा रहा है, उनमें वह शामिल है। 

भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर से जुड़े तार 
भोपाल. तुअर दाल की सट्टेबाजी के तार भोपाल सहित प्रदेश के अन्य शहरों से भी जुड़ रहे हैं। मामले की जांच के लिए आयकर विभाग गुना, डबरा, गंजबासौदा, इटारसी, मंडीदीप और बकतरा में दस वेयरहाउस में भी दाल और अन्य कमोडिटी के स्टॉक की जांच कर रहा है। मुंबई के एडलविज ब्रोकर हाउस ने इन वेयरहाउस को किराए पर लिया था। अब आयकर विभाग यहां मिले स्टॉक का कंपनी के दस्तावेज से मिलान करेगा। इसके बाद जमाखोरी का पता चल सकेगा। 
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