
मामला बुरहानपुर जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर पातोंडा गांव का है. जहां शासकीय प्राथमिक स्कूल और सरस्वती शिशु मंदिर निजी स्कूल पास-पास हैं, लेकिन कुछ सालों से शिशु मंदिर द्वारा सरकारी प्राथमिक स्कूल पर कब्जा कर यहां कक्षाएं लगाईं जा रहीं हैं.
शिशु मंदिर स्कूल प्रबंधन सरकारी कमरे का उपयोग करने की बात से साफ इंकार कर रहा है. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि अभी दो दिन से कक्षाएं लगाना शुरू हुईं हैं, क्योंकि उनके स्कूल में कमरों का निर्माण चल रहा है. हालांकि, स्कूल के बच्चों ने इस झूठ की पोल खोल कर रख दी.
शिशु मंदिर के छात्र विशाल ने बताया कि, कई दिनों से उनकी क्लासेस सरकारी कमरे में लग रहीं हैं. इससे पहले उनकी बिल्डिंग में जगह को लेकर परेशानी होती थी.
सरकारी शिक्षकों के अनुसार, उन्हें कमरे की जरूरत है, लेकिन पहले से कमरे में निजी स्कूल की कक्षाएं लग रही हैं. लिहाजा, वो कम जगह में ही बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूर हैं.
ग्रामीणों ने इस अव्यवस्था को लेकर पंचनामा बनाकर इसे कलेक्टर को सौंप दिया है. वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी जेएल रघुवंशी मामले का परीक्षण कर निजी स्कूल के कब्जे से कमरा मुक्त करवाने की बात कह रहे हैं.