
जस्टिस एआर दवे और आदर्श कुमार गोयल की खंडपीठ ने एसएएस अफसरों को राहत देते हुए कहा कि कैैट की सुनवाई भले ही 18 दिसंबर को होगी लेकिन 14-15 को डीपीसी की प्रक्रिया जारी रहेगी। इस पर अंतिम निर्णय कैट के फैसले के बाद ही हो पाएगा। इससे यह माना जा रहा है कि इस साल भी गैर राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस में चयन का मामला अटक सकता है।
यहां भी संशय की स्थिति : प्रमोशन के लिए पहली बार 15 दिसंबर को मंत्रालय में डीपीसी हो रही है। इससे पहले दिल्ली में ही इंटरव्यू के माध्यम से चयन होता रहा है। डिपार्टमेंट प्रमोशन कमेटी में मुख्य सचिव अंटोनी डिसा के अलावा एसीएस स्तर के अफसरों में एसआर मोहंती या आरएस जुलानिया में से एक, सचिव कार्मिक और दो डीओपीटी के संयुक्त सचिव स्तर के दो अफसर शामिल होंगे। ये आला अफसर नान एसएएस के 20 अफसरों का इंटरव्यू लेकर 4 अफसरों को आईएएस में चयन को हरी झंडी देंगे। इंटरव्यू के लिए चयनित 20 अफसरों में सबसे ज्यादा 5 महिला एवं बाल विकास विभाग से हैं। इसलिए यह माना जा रहा है कि इस विभाग में पूर्व में पदस्थ रहे अफसर को डीपीसी के सदस्यों में न शामिल किया जाए। पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने कहा कि मैने लिखित में पूर्व में मुख्य सचिव, संघ लोक सेवा आयोग को शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। वहीं, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने नान एसएएस अफसरों के अंतिम चयन के बारे में अंतिम निर्णय कैट पर छोड़ा है। सरकार इसका पालन करेगी।
नान एसएएस से आईएएस में चयन अवार्ड है प्रमोशन नहीं। अवार्ड उत्कृष्ट कार्य करने वाले अफसरों को दिया जाता है। जिन 20 अफसरों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है, उन्होंने ऐसा कौन सा कार्य किया है जिस आधार पर उन्हें आईएएस में चयन का मौका दिया जा रहा है। साक्षात्कार के लिए चयनित अफसरों के चयन में पारदर्शिता नहीं बरती गई। विशेष परिस्थितियों का निर्धारण नहीं हुआ जिससे डिप्टी कलेक्टर का हक मारते हुए नान एसएएस अफसरों का चयन किया जा रहा है। प्रदेश में अभी 1992 बैच के एसएएस अफसर आईएएस नहीं बनने है। इन अफसरों से जूनियर विभिन्न विभागों में आए अफसरों को आईएएस में चयन का मौका दिया जा रहा है। इंटरव्यू के लिए अपात्र अफसरों का चयन हुआ। इन अफसरों में नौ मंत्रियों के स्टाफ में रहे हैं। चयन केवल भोपाल तक सीमित,फील्ड के अधिकारियों की उपेक्षा।