
जानकारी के अनुसार राजकोट में लेथ मशीन पर काम करने वाले सोनू चौहान की पत्नी संजूबाई को डाक्टरों ने प्रसव की पूर्व डेट जनवरी माह की दी हुई थी। इसी को देखते हुए वह पत्नी को घर पर छोड़ने जा रहा था। सफर की परेशानियों और कमजाेरी के चलते संजूबाई को समय से पूर्व ट्रेन में ही प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इस पर डिब्बे की अन्य औरतों ने संजूबाई की मदद की और प्रसव करवाया।
प्रसूता को अस्पताल में नहीं दिया पलंग, छत पर सोई रही महिला
शाजापुर। मक्सी स्टेशन पर जिस प्रसूता के लिए ट्रेन आधा घंटे तक रुकी रही, उसी प्रसूता को कर्मचारियों की लापरवाही से जिला अस्पताल में दिनभर अस्पताल की छत पर धूप में ही बैठी रही। बच्चे को एससीएनयू वार्ड में भर्ती तो कर दिया पर प्रसूता को वार्ड में भर्ती ही नहीं किया गया। अनजान शहर में दोनों पति-प|ी को अस्पताल की छत पर ही दिन गुजारना पड़ा। शाम करीब 5 बजे जब मीडियाकर्मी मामले की जानकारी लेने पहुंचे तो पता चला कि प्रसूता को वार्ड में भर्ती ही नहीं किया गया। अस्पताल के कर्मचारियों ने मीडियाकर्मियों को देखते ही महिला को वार्ड में भर्ती कर दिया।
प्रसूता को अस्पताल में नहीं दिया पलंग, छत पर सोई रही महिला
शाजापुर। मक्सी स्टेशन पर जिस प्रसूता के लिए ट्रेन आधा घंटे तक रुकी रही, उसी प्रसूता को कर्मचारियों की लापरवाही से जिला अस्पताल में दिनभर अस्पताल की छत पर धूप में ही बैठी रही। बच्चे को एससीएनयू वार्ड में भर्ती तो कर दिया पर प्रसूता को वार्ड में भर्ती ही नहीं किया गया। अनजान शहर में दोनों पति-प|ी को अस्पताल की छत पर ही दिन गुजारना पड़ा। शाम करीब 5 बजे जब मीडियाकर्मी मामले की जानकारी लेने पहुंचे तो पता चला कि प्रसूता को वार्ड में भर्ती ही नहीं किया गया। अस्पताल के कर्मचारियों ने मीडियाकर्मियों को देखते ही महिला को वार्ड में भर्ती कर दिया।