लखनऊ। यूपी का अमेठी संसदीय क्षेत्र कांग्रेस पार्टी का अभेध किला समझा जाता रहा है. लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाला यह दुर्ग अब दरक रहा है. यहां से सांसद और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी काफी अरसे बाद बुधवार को दो दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुंचे. लेकिन नजारा ऐसा नहीं था जैसा आज से 10 साल पहले हुआ करता था. जहां उनके आगमन में कार्यकर्ताओं और लोगों का हुजूम लगा रहता था आज वहां ईक्का दुक्का ही लोग नजर आये.
इतना ही नहीं, उनके काफिलों में चल रहे समर्थक आपस में भिड़ भी गए. जमकर हाथापाई हुयी और फिर सुरक्षा कर्मियों के बीच-बचाव से मामला शांत हुआ. इसके अलावा वह जहां भी गए, जिस गाँव से गुजरे लोगों में वह उत्साह नहीं दिखा. जनसंपर्क के दौरान भी लोग नदारद थे. स्थानीय लोगों के मुताबिक अब राहुल से कोई उम्मीद नहीं रही. उनका कहना है की उन्होंने कई बार राहुल से अपनी समस्याएं रखी, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला।
वैसे तो राहुल नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों और और जिला पंचायत अध्यक्ष से मिलने पहुंचे थे. लेकिन जैसी उन्हें उम्मीद थी वैसी भीड़ उन्हें नहीं दिखी. हलांकि कुछ कार्यकर्ताओं का कहना है कि कार्यक्रम अचानक बना था इसीलिए लोगों को पता नहीं चल सका. लेकिन इस दौरे से एक बात तो साफ़ है की सिर्फ आश्वासन से जनता के दिल में नहीं रहा जा सकता. वहीँ विपक्षी दलों ने राहुल गांधी पर लोगों को छलने का आरोप भी लगाया है.।