जबलपुर। 8 अक्टूबर को हुईं डीमेट परीक्षा में गड़बड़ियों संबंधी एक मामला चीफ जस्टिस ने ट्रांसफर कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश एएम खानविलकर ने मामले पर सुनवाई से इनकार करते हुए द्वितीय खंडपीठ यानि जस्टिस राजेंद्र मेनन की बेंच के लिए मामले को ट्रांसफर कर दिया है। हालांकि, मामले पर अगली सुनवाई की तारीख तय नहीं की गई है।
याचिकाकर्ता पूर्व विधायक पारस सकलेचा का कहना है कि 8 अक्टूबर को हुई डीमेट की परीक्षा में भारी गड़बड़ियां उजागर हुई हैं। याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में इन गड़बड़ियों को उजागर करते हुए आवेदन भी पेश किया गया है।
याचिकाकर्ता के मुताबिक, 8 अक्टूबर को हुई डीमेट की परीक्षा में महज 40 प्रतिशत ही अभ्यर्थी शामिल हुए। जिन स्कूलों कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाया गया, वहां हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार न ही परीक्षा केंद्रों में जैमर लगाए गए और ना ही फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कोई खास इंतजाम किए गए।
विदित हो कि इससे पहले रतलाम के पूर्व विधायक पारस सकलेचा और नरसिंहपुर की छात्रा ऋतु वर्मा व अन्य ने डीमेट को लेकर याचिका दायर की थी। इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस केके त्रिवेदी की बेंच ने डीमेट में पारदर्शिता के लिए हाईटेक व्यवस्था सुझाई थी। हाईकोर्ट में कड़ी शर्तों के साथ परीक्षा कराने की मांग की गई थी, लेकिन परीक्षा में इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया।