सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। दक्षिण वन मण्डल सामान्य बालाघाट में उजागर हुये फर्जी टीपी मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुये हैै जिसमें वनविभाग के कर्मियों, अधिकारियों की सांठगाठ कर वनमाफियाओं द्वारा फर्जी फर्मो के नाम से टीपी बनाकर लाखों रूपये की लकडियां जिले के बाहर भिजवा दी गई।
यह सिलसिला पिछले 5 वर्षो से चल रहा था जिसका खुलासा होने के बाद पिछले 5 वर्षो के रिकाड को खंगाला जा रहा है। जांच के दौरान पता चला है कि सांई टिम्बर रेलवे क्रासिंग बुढी बालाघाट के नाम जो टीपी जारी की गई थी तथा बिल में जो टिन नम्बर दर्शाया गया है वह फर्जी पाया गया है।
सांई टिम्बर के बिल पर टिन क्रमांक 02305904972 लिखा गया है उसका वाणिज्यकर विभाग से सत्यापन कराया गया तो दर्शित टिन नंबर आदित्य टिम्बर टैडर्स सालेटेका हटटा प्रो.राजेश टेंभरे के नाम से जारी किया जाना बताया गया है लेकिन बालाघाट परिक्षेत्र के वन कार्मियों ने इस फर्जी फर्म का सत्यापन किये बगैर सैकडों की संख्या में टीपी जारी कर दी।
वन समिति के पूर्व सभापति एवं जिला पंचायत सदस्य राकेश डहरवाल के घर के आसपास जो इमारती लकडी लगभग 60 घनमीटर बरामद हुई है उन लकडियों पर हेेमर क्रमांक बी जी 486 खाडापार बैहर भू स्वामी बुद्धसिं वल्द नगारची गौड की लकडियों तथा गर्रा डिपो से जारी टीपी पर हेमर क्रमांक पी बी 42 से मिलान हो रहा है जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि वनमाफियाओं द्वारा खाडापार के भू स्वामी की इमारती लकडियों को गर्रा डिपों में ना उतरवाते हुये कनकी स्थित इंका नेता राकेश डहरवाल के निवास पर उतरवाया गया है ट्रक क्रमांक एमपी 50 एच 0629 एवं सी जी 4 जे बी 3106 से खाडापार से गर्रा डिपो और गर्रा डिपो से राजनांदगांव तक परिवहन किया जाना टीपी में दर्शाया गया है। उधर बैहर के पश्चिम वन क्षेत्र सामान्य के अतर्गत आने वाले ग्राम खाडापार के भू स्वामी बुद्धसिंह पिता नगारची गौड ने बताया की उसकी भूमि से इमारती लकडियों की कटाई राकेश डहरवाल के द्वारा करवाई है। वन विभाग ने बुद्धसिह के यहां से राकेश डहरवाल के द्वारा किये गये लेनदेन का ब्यौरा भी प्राप्त किया है।
दक्षिण वनमण्डल ने अवगत कराया कि अब तक की गई जांच में यह सिद्ध हो चुका है कि सांई टिम्बर नामक फर्म फर्जी है तथा राकेश डहरवाल द्वारा बुद्धसिंह की भूमि से वृक्षों की कटाई गई है भू स्वामी से लेनदेन का विवरण इस बात को प्रमाणित कर रहे है दोनो ट्रक क्रमांक का मालिक राकेश डहरवाल ही है। मैने वाणिज्यकर परिवहन विभाग सहित पुलिस विभाग को जांच में आये तथ्यों से अवगत करा दिया गया है जिसमें फर्जीवाडे और चोरी के प्रकरण की कार्यवाही किये जाने बाबद लिखा गया है।
इस मामले के उजागर होने के बाद इस बात से इनकार नही किया जा सकता कि इस तरह की कारगुजारी समूचे बालाघाट जिले में वनमाफियाओं द्वारा वनविभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से की गई है। इस तरह भरपूर वनसम्पदा का नाजयाज दोहन कर करोडो रूपये की क्षति शासन को पहुचाई गई है जिसकी व्यापक छानबीन किया जाना जरूरी है।