बाड़मेर/राजस्थान। आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी के बुधवार को बूंदी जिले में हुए दंगों के मामले में दी गई चार्जशीट को लेकर दिए गए एक वाट्सएप कमेंट ने एक नया ही विवाद खड़ा कर दिया है।
दरअसल जैसलमेर जिले के एक वाट्सएप ग्रुप में आईपीएस पंकज चौधरी द्वारा किए गए इस कमेंट में कड़ी और बड़ी तीखी बातों का जिक्र किया है। वाट्सएप के एक ग्रुप में आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी ने चार्जशीट दिए जाने के बाद अपने आप को बेकसूर बताया है वहीं कुछ अधिकारियों पर भी निशाना साधा है। इस कमेंट में उन्होंने लिखा है कि उन्हें इमानदारी की यह सजा मिली है और उन्होंने इस पर एक किताब भी लिखना की इच्छा जाहिर की है। जिसमें उन्होंने मामले से जुड़े बड़े खुलासे करने की बात भी कही। वहीं कमेंट आने के बाद प्रदेश पुलिस महकमे के साथ-साथ राजनीति गलियारों एकांक हलचले तेज हो गई हैं। फिलहाल अब सभी को पंकज चौधरी की उस किताब का इंतजार रहेगा।
बूंदी दंगों में पाया गया दोषी
दरअसल प्रदेश के बूंदी जिले में हुए दंगों के मामले में हालही में पंकज चौधरी को चार्जशीट थमा दी गई है। बूंदी में हुए दंगा मामले में एक साल बाद चार्जशीट थमाई गई है। उन पर आरोप है कि 12 सितंबर 2014 को नैनवा के खानपुर गांव में हुए दंगे दौरान समय पर घटनास्थल पर नहीं पहुंचे। इस कारण संवेदनशील स्थिति बनी। वहीं इससे पूर्व जैसलमेर पुलिस अधीक्षक पद पर कार्यरत रहने के दौरान गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोलने को लेकर भी आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी काफी सुर्खियों में रहे थे। फिलहाल आईपीएस पंकज चौधरी 11वीं बटालियन आरएससी आईआर नई दिल्ली में कमाण्डेंट के पद पर कार्यरत हैं।