माननीय मुख्यमंत्री जी, अपनी जायज मांगों के लिए शाहजनी पार्क भोपाल में शांतिपूर्ण तरीके से आमरण अनशन कर रहे देश के राष्ट्रनिर्माता अध्यापकों पर पुलिस ने लाठी चार्ज क्यों किया। यह बात समझ में नहीं आई अध्यापकों की समस्याओं को सुनने के बजाय लाठी मारकर भगाना क्या सही कदम है। क्या यह लोकतन्त्र की हत्या नही है। अध्यापकों की मुख्य मांगे सामान कार्य सामान वेतन एवम् शिक्षा विभाग में संविलियन अध्यापक 20 वर्षों ज़े मांग रहे है जो उचित भी है और संवेधानिक भी है यह मांग आज तक बानी हुई है इसका कारण भी म.प्र.की सरकारें है क्योकिं आज तक सर्कार ने इस संवेदनशील मांग को हल क्यों नहीं किया ?
अध्यापकों को लाठी मारना समस्या का समाधान नहीं है ।क्योकिं लाठी खाने के बाद भी अध्यापकों की समस्या तो वहीं की ही है। आपसे निवेदन है की कब लाठी के बल पर समस्या से दूर जाओगे वह तो बार बार सामने होगी।
सबसे अच्छा तो यह है की अध्यापकों की इस मुख्य मांग को हल कर समस्या का समाधान किया जावे.लाठी खाते -खाते तो अध्यापकों को 20 वर्ष हो गए है समस्या वहीं की वहींहै.
समस्या का समाधान करें लाठी चार्ज क्यों?
अशोक कुमार देवराले
प्रांतीय उपाध्यक्ष
म.प्र.शासकीय अध्यापक संगठन