मुंबई। पर्युषण पर्व के नाम पर मांसाहारियों के भोपाल को प्रतिबंधित करने की जैन समाज की मुहिम में अब शिवसेना सीना तानकर आढ़े आ गई है। इसके अलावा मनसे और कांग्रेस भी जैन समाज के इस कदम का विरोध कर रहे हैं।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुखपत्र सामना में लिखा कि अहिंसा के नाम पर किसी को उसके खाने से दूर करना भी हिंसा है। जैन समुदाय अपनी बात मनवाने पर इसलिए अड़ा है क्योंकि अर्थव्यवस्था में उनका दखल है लेकिन ये शिवाजी का महाराष्ट्र है और ऐसे लोगों से निपटना हमें आता है। ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा कि 1992-93 दंगों में मराठियों ने जैनों और उनके कारोबार को बचाया था लेकिन अगर ऐसे मांगे करते रहेंगे तो उनके साम्राज्य को जमींदोज करने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।