भोपाल। बाबू रामनरेश यादव मप्र के राज्यपाल हैं। वो एक संवैधानिक पद पर हैं और इस कुर्सी पर उन्हें माननीय नरेन्द्र भाई मोदी व शिवराज सिंह ही डटाए हुए हैं, बावजूद इसके आज '10वें विश्व हिंदी सम्मेलन' में उन्हें कदम कदम पर बेइज्जत किया गया।
सबसे पहले इस आयोजन में 129 सदस्यीय सरकारी प्रतिनिधि मंडल में मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव का नाम शामिल नहीं किया गया था। हालांकि ऐन मौके पर रामनरेश को मोदी की अगुवाई करने और सम्मेलन के दौरान मंच सांझा करने का मौका अवश्य मिल गया, लेकिन वे पूरे समय 'परायेपन' का शिकार रहे।
नरेंद्र मोदी गुरुवार को सुबह भोपाल पहुंचे। उनकी अगवानी के लिए स्टेट हैंगर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ राज्यपाल रामनरेश यादव भी मौजूद थे, लेकिन उन पर मोदी ने कोई ध्यान नहीं दिया। मोदी उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, महापौर आलोक शर्मा, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनय सहस्त्रबुद्धे, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा और पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह से गर्मजोशी के साथ मिले, लेकिन राज्यपाल हाथ जोड़े खड़े रहे। कई जगह वे पीछे उपेक्षित से खड़े नजर आए।
यही स्थिति सम्मेलन के दौरान भी बनी रही। मोदी और शिवराज सिंह ने रामनरेश से बात तक नहीं की। यहां तक कि उन पर कोई खास ध्यान नहीं दिया।