भोपाल। मप्र में घोटालों से जुड़े लोगों की मौतों का सिलसिला अभी भी जारी है। व्यापमं के अलावा धान घोटाले के मामले में 2 अधिकारियों की मौत हो चुकी है। अब इंदौर के मेघदूत उपवन घोटाला मामले से जुड़े एक सब इंजीनियर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिवारजनों का कहना है कि इस घोटाले को लेकर नेताओं और अधिकारियों का जबर्दस्त दवाब चल रहा था। जिसके चलते उन्होंने यह कम उठाया। पुलिस परंपरागत रूप से मामले को दबाने का प्रयास कर रही है।
हीरानगर थाना क्षेत्र में रहने वाले सब इंजीनियर नरेश नहलानी मेघदूत उपवन घोटाले में निगम की ओर से मिले नोटिस से काफी परेशान थे। परिजनों के मुताबिक नगर निगम के बड़े अधिकारी लगातार नहलानी पर फाइलों को लेकर दबाव बनाए हुए थे। इस कारण पिछले कुछ दिनों से वे परेशान थे। रात में उन्होंने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने सुबह उनके कमरे में जाकर देखा तो वे फाँसी के फंदे पर लटके हुए थे।
परिजन तुरंत पास ही के एक निजी अस्पताल में नरेश को ले गए जहां उन्हें डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। फिलहाल पुलिस को अब तक कोई सुसाईड नोट नहीं मिला है जिससे की प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात स्पष्ट हो सके, लिहाजा पुलिस ने मामला पंजीबंध कर जांच शुरू कर दी है।
अधिकारी डालते थे दबाव, नेता करते थे मारपीट
दरअसल मेघदूत घोटाले की फाइल नगर निगम मुख्यालय से गायब हो गई थी। इसे लेकर सिटी इंजीनियर एनएस तोमर ने नहलानी समेत 4 लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगे थे। परिजनों ने बताया कि इस घोटाले से नहलानी का कोई लेना-देना नहीं था, क्योंकि गुम हुई फाइल ठेकेदार रामआधार यादव के घर से मिल गई थी।
बावजूद इसके निगम के बड़े अधिकारी नहलानी पर दबाव बनाए हुए थे। परिजनों के मुताबिक इस घोटाले में कई नेताओं का नाम शामिल है और ये नेता समय-समय पर घर आकर नहलानी को धमकाते थे। यहां तक की एक नेता ने उनसे घर आकर मारपीट भी की थी। परिजनों का कहना है कि नगर निगम के बड़े अधिकारियों की प्रताड़ना और नेताओं की धमकियों के चलते नहलानी ने ये कदम उठाया।