भोपाल। राजधानी में 5000 से ज्यादा लोगों की जान लेने वाली यूनियन कार्बाइड का 10 टन जहरीला कचरा रातों रात पीथमपुर जिला धार पहुंचा दिया गया है। यहां एक प्राइवेट इन्सीनरेट फर्म में इसे जलाया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैक्ट्री यशवंत सागर डेम के कैचरमेंट एरिया में आती है और इसका पानी इंदौर में सप्लाई किया जाता है। यदि जहरीला रसायन डेम के पानी में मिल गया तो इंदौर खतरे में आ सकता है।
गैस संगठनों आरोप है कि इसी संयत्र को तीन साल पहले मप्र सरकार के मंत्री बाबूलाल गौर ने सबसे घटिया संयंत्र बताया था। इसके साथ ही कचरे का निष्पादन करने के लिए विशेषज्ञ भी मौके पर मौजूद नहीं है। जहरीले रसायन के रिसाव का खतरा बना हुआ है। यह रसायन धार और इंदौर शहर के लोगों की जान खतरे में डाल सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कचरा जलाने वाली फैक्ट्री यशवंत सागर डेम के कैचमेंट एरिया में आती है, जिसका पानी इंदौर में पीने के लिए सप्लाई किया जाता है।
पहली खेप में 10 टन कचरा निजी फर्म को पहुंचाया जा चुका है। कचरा जलाया गया या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मेंबर सेक्रेट्री एबी अकोलकर ने भी कचरा शिफ्ट करने की पुष्टि की है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की देखरेख में 340 टन जहरीले कचरे में से ट्रायल के लिए 10 टन का कचरा धार की फर्म में पहुंचाया गया है। जहां इस कचरे को जलाया जाएगा। यदि ट्रायल सफल होता है, तो पूरा कचरा जलाने के लिए यहीं भेजा जाएगा। यह ट्रायल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में मप्र सरकार को ट्रायल रन के आदेश दिए थे।