ग्वालियर। शहर के दो बच्चों ने सबसे कम उम्र में माउंट एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। दोनों कंदर्प शर्मा (उम्र 5 वर्ष 8 माह) तथा रित्विका शर्मा (8 वर्ष) भाई-बहन हैं। दोनों सोमवार को अपने माता-पिता के साथ बेस कैंप पर पहुंचे। उल्लेखनीय है कि माउंट एवरेस्ट के बेस केंप की ऊंचाई 5,380 मीटर हैं।
बच्चों के पिता भूपेन्द्र शर्मा ने बताया कि दोनों बच्चों ने न केवल सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बनने का रिकॉर्ड बनाया वरन ऎसा करने वाले दुनिया के पहले भाई-बहन भी बन गए हैं। ग्वालियर के लिटिल एंजेल्स हाई स्कूल में पढ़ने वाले कंदर्प फर्स्ट ग्रेड में तथा रित्विका फोर्थ ग्रेड में है।
पिता भूपेन्द्र के मुताबिक उनका परिवार माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला परिवार भी बन गया है। उन्होंने इस दौरान कालापत्थर पहाड़ (5,550 मीटर) पर भी चढ़ाई की जो कि दुनिया के तीन सबसे ऊंचे पर्वतश्रेणियों यूरोप की मोंट ब्लैंक (4,810 मीटर), अंटार्कटिका के विनसन मासिफ (4,810 मीटर) तथा ऑस्ट्रेलिया के पुंचक जया (4,884 मीटर) से भी ऊंचा है।
इस पूरे अभियान के संचालनकर्ता ठुकदेन शेरपा के अनुसार हमने इसके जरिए दुनिया को एक मैसेज देने का प्रयास किया है कि भूकंप से पर्वतारोहण के लिए जाने वाले रास्ते पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। उनके मुताबिक कंदर्प और रित्विका ऎसा करने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही है। उनसे पहले अक्टूबर 2014 में ही दिल्ली के हर्षित ने 5 वर्ष 11 माह की उम्र में यह कारनामा किया था। उसने पहले वर्ष 2012 में कैलिफोर्निया के 13 वर्षीय जॉर्डन रोमेरो माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक पहुंचे थे।
लड़कियों में भी रित्विका ने कई रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। उनसे पहले वर्ष 2014 में आंध्रप्रदेश की मालवता पूर्णा ने भी 13 वर्ष की उम्र में रिकॉर्ड बनाया था। उनके पिता ने कहा कि दोनों बच्चों की इस कामयाबी को गिनीज बुक तथा लिम्बा बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज करवाने के लिए भेजा जाएगा।