नई दिल्ली। लोकसभा में ललित मोदी विवाद पर हो रही चर्चा के विपक्ष के नेता मल्लिकार्जून खड़गे के सवालों का जवाब देते हुए सुषमा ने ना सिर्फ अपना पक्ष रखा बल्कि कांग्रेस और राहुल गांधी पर जबरदस्त हमला बोला है।
सुषमा स्वराज ने राहुल गांधी के पैसे लेने वाले बयान का जवाब देते हुए कहा कि, राहुल गांधी कहते हैं की चोर आते हैं तो छुप कर आते हैं, सुषमा ने ये काम छुप-छुप कर किया। मैं कहती हूं मैंने कोई काम छुपकर नहीं किया, अगर छुप कर किया तो इन लोगों ने क्वात्रोची को भगाने का किया। अगर छुप कर किया तो राजीव जी के समय में एंडरसन को भगाने का किया। ये मैं नहीं बल्कि अर्जून सिंह जो कांग्रेस के उपाध्यक्ष थे उनकी किताब में कहा गया है।'
सुषमा स्वराज ने राहुल को जवाब देते हुए कहा कि, ' मैं राहुल जी को कहना चाहती हूं कि बहुत शौक है छुट्टियां मनाने का तो इस बार छुट्टियों में अपने परिवार का इतिहास पढ़ें और वापस आकर पूछें की ममा क्वात्रोची मामले में हमने कितना पैसा खाया, डैडी ने एंडरसन को क्यों छुड़वाया था।'
इससे पहले जबरदस्त हंगामे के बाद आखिरकार ललित मोदी के मुद्दे पर चर्चा शुरू हो गई। स्पीकर ने इस पर चर्चा के लिए ढाई घंटे का समय भी दिया लेकिन चर्चा के दौरान भाजपा सांसद की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बहन को लेकर की गई विवादास्पद टिप्पणी की वजह से जमकर हंगमा हुआ और कार्यवाही को स्थगित करना पड़ गया।
हालांकि, 2.45 पर सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई और सुषमा स्वराज अपना जवाब देने के लिए जैसे ही खड़ी हुई विपक्ष ने जमकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया। हालांकि, सुषमा स्वराज ने अपना बयान जारी रखा और कहा कि मैं एक बार फिर दोहराना चाहती हूं कि मैंने कुछ गलत नहीं किया। आपने जो आरोप लगाएं हैं उनका जवाब नहीं सुनेंगे तो मुझे न्याय कैसे मिलेगा।'
विपक्ष के नेता खड़गे के आरोपों का जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि, मेरे पति कभी भी ललित मोदी के पासपोर्ट के वकील नहीं थे। रही बात मेरी बेटी की तो वो ललित मोदी के वकीलों की लिस्ट में 9वें नंबर की जुनियर थी और इस नंबर के वकील को कोई पैसा नहीं मिलता। मेंरे पति और बेटी ने ललित मोदी से एक पैसा भी नहीं लिया है।'
इससे पहले चर्चा के दौरान इस भाजपा सांसद सतीश गौतम ने विवादित बयान देते हुए कहा कि, 'राहुल की मौसी को कितना पैसा मिला था ललित मोदी से।' इसके ठीक बाद विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया और सदन 2.45 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले चर्चा शुरू होते ही सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जून खड़गे ने आरोप लगाया कि 'यह सब जानते हैं कि सुषमा ने ललित मोदी की मदद की है। अगर मानवता के आधार पर भी मदद करनी थी तो कानून के अंतर्गत करतीं।'
इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री को हंगामे का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि हम चाहते हैं चर्चा के दौरान सदन में प्रधानमंत्री मौजूद हों ताकि हमें संतुष्टि हो की वो इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई करना चाहते हैं या नहीं। सदन नहीं चल पाने का कोई जिम्मेदार है तो वो है प्रधानमंत्री। सदन में चर्चा के दौरान पीएम का मौजूद होना जरूरी। अगर वह नहीं सुनना चाहते तो ठीक है।'
उन्होंने सुषमा स्वराज पर आरोप लगाते हुए कहा कि, सुषमा ने ललित मोदी की सबकुछ जानते हुए मदद की है। उन्होंने गलती की है इसलिए हम उनका इस्तीफा मांग रहे हैं। उन्होंने कीथ वाज से मदद करने के लिए कहा था। किसी को यह कहना कि ट्रेवल डॉक्यमेंट देने से भारत-ब्रिटेन के रिश्ते खराब नहीं होंगे, क्या यह अनुशंसा नहीं है।'
ललित मोदी को जारी कागजातों को लेकर खड़गे ने आरोप लगाया कि, 'ललित मोदी ने जो डॉक्यूमेंट मांगे थे उनमें पत्नी से मिलना प्राथमिकता नहीं थी। उनकी पहली प्राथमिकता शादी में जाना था वहीं दूसरी प्राथमिकता घूना और तीसरी प्राथमिकता पत्नी का इलाज था।'
खड़गे ने सदन में 7 सवाल भी पूछे जिनका जवाब उन्होंने प्रधानमंत्री से मांगा है।
लंदन में भारतीय उच्चयुक्त के सामने आवेदन के लिए क्यों नहीं कहा गया?
सरकार दस्तावेज जारी क्यों नही कर रही है?
भारत के बजाय यूके के पासपोर्ट पर क्यों गए पूर्तगाल?
सरकार ने उसे भारत लौटने के लिए क्यों नही कहा?
सरकार ने उनके पासपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती क्यों नहीं दी?
सरकार ने यूके के सामने ललित मोदी को लेकर आपत्ति क्यों नहीं जताई?
उसने भारत में जान को खतरा बताया है, सरकार उसे सुरक्षा क्यों नहीं दे सकती?
सवाल पूछने के बाद जैसे ही खड़गे ने सदन में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम लिया तो हंगामा शुरू हो गया। स्पीकर ने भी खड़गे से कहा कि जो व्यक्ति सदन का सदस्य नहीं उसका नाम नहीं लिया जा सकता।
मालूम हो कि गुरुवार को मानसून सत्र का आखिरी दिन है। मगर, लोकसभा में विपक्ष का हंगामा बुधवार को भी जारी रहा। कांग्रेस ने ललित मोदी के मामले पर स्थगन प्रस्ताव पेश कर लोकसभा में चर्चा कराए जाने की मांग कर रही थी लेकिन उनका कहना है कि बिना प्रधानमंत्री की मौजूदगी के चर्चा नहीं होगी।
कांग्रेस के मल्िलकार्जुन खड़गे ने कहा कि स्थगन का प्रस्ताव पर विचार किया जाए। इस दौरान स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खुद स्पीकर से कहा कि यह मेरे संबंध में है, लेकिन मैं आपसे अपील करती हूं कि इस प्रस्ताव को स्वीकार करे लें। वहीं, वैंकेया नायडू ने हाथ जोड़कर विपक्ष से संसद चलने देने की अपील की।
इसके बाद लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इस पर चर्चा की अनुमति दे दी। हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि सब चाहते हैं तो प्रक्रिया के अनुसार मुझे स्थगन प्रस्ताव स्वीकार करना होगा। महाजन ने कहा कि सदन है यह इसका सम्मान करना सीखें। प्रक्रिया के तहत स्थगन प्रस्ताव प्रश्नकाल के बाद लाया जाता है। जिस पर कांग्रेस सांसदों ने जमकर हंगामा करते हुए कहा कि इस पर तुरंत चर्चा होनी चाहिए और वह भी पीएम मोदी की मौजूदगी में।
कांग्रेस सांसदों ने सदन में 'मोदी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी' और 'पूंजीपतियों की सरकार नहीं चलेगी' के नारे लगाए।