होशंगाबाद। शिकारे का मजा उठाने के लिए अब कश्मीर जाने की जरूरत नहीं है। यह हसरत मध्य भारत में भी पूरी हो जाएगी। एक व्यक्ति का किराया भी सिर्फ 25 रुपए होगा। बता दें कि मशहूर टूरिस्ट स्पॉट पचमढ़ी (मध्य प्रदेश) को कश्मीर का लुक देने की तैयारी चल रही है। इसके तहत यहां चंपक झील में कश्मीर की डल झील की तरह शिकारा चलाने की योजना है।
पहले चरण में दो शिकारे चलेंगे। एक महीने के भीतर यह पचमढ़ी पहुंच जाएंगे। शिकारा चलने से पचमढ़ी में भी कश्मीर जैसी खूबसूरती महसूस की जा सकती है। इस बारे में होशंगाबाद के कलेक्टर संकेत भोंडवे ने कहा कि शिकारे की सुविधा के बाद यहां सैलानी कश्मीर का मजा ले सकेंगे।
गौरतलब है कि एमपी में पहले से ही पर्यटन विकास निगम की ओर से भोपाल में सैर-सपाटा के नाम से शिकार चलाया जा रहा है। अब निगम के साथ मिलकर होशंगाबाद जिला प्रशासन, पचमढ़ी में भी यह प्रयोग करने जा रहा है। इसके लिए कोलकाता से दो शिकारे मंगाए गए हैं। जो एक महीने में पचमढ़ी पहुंच जाएंगे। इसके बाद इन्हें झील में उतारा जाएगा। चंपक झील पचमढ़ी में करीब 22 एकड़ में फैली है। यह चारों ओर से पहाड़ों से घिरी हुई है। सतपुड़ा की हरी-भरी वादियों में घिरी इस झील में अभी सिर्फ बोटिंग ही होती है। शिकारा शुरू होने से पर्यटकों की संख्या और बढ़ने की बात की जा रही है।
महाभारत की कथा से जुड़ा है यह इलाका
पचमढी का पूरा इलाका बहुत खूबसूरत है। ऊंचे पहाड़ घने जंगल किसी का भी मन मोह लेते हैं। यहां हर साल देश भर के पर्यटक पहुंचते हैं। इसे किफायती टूरिस्ट स्पॉट में गिना जाता है। इस इलाके को महाभारतकाल से भी जोड़कर देखा जाता है। कहते हैं कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इस इलाके में काफी समय व्यतीत किया। यहां पांडव की गुफाएं भी हैं। बड़े महादेव, जटाशंकर, चौरागढ़ के मंदिर, कैथोलिक चर्च, और रजत प्रपात, इरिना पुल, बी फॉल जैसे दर्जन भर से ज्यादा धार्मिक और टूरिस्ट स्पॉट हैं। यहां म्यूजियम भी है।
पहुंचने में आसानी
अपने मौसम और खूबसूरती के कारण पचमढ़ी को मध्य भारत का कश्मीर कहा जाता है। ख़ास बात यह है कि यह इलाका करीब-करीब देश के बीचोंबीच है, जहां सड़क, रेल और वायुमार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन होशंगाबाद और इटारसी है। सबसे नजदीकी एयरपोर्ट भोपाल है।