भोपाल। नईदिल्ली में मदर डेयरी के दूध में डिटर्जेंट पाया गया है और इसी के साथ सांची दूध भी संदेह के दायरे में आ गया है। दिल्ली के जिला खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कोलकाता की सेंट्रल लेबोरेट्री मदर डेयरी के अलग-अलग बूथ से लिए गए दूध के नमूनों की जांच कराई, जिसमें यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
फुल क्रीम और टोंड दोनों तरह के दूध हुए जांच में फेल
कोलकाता की लैब ने बुधवार को गाजियाबाद एफडीए को दोबारा किए गए जांच की रिपोर्ट सौंपी. एफडीए के अधिकारी विनीत कुमार ने गाजियबाद में कहा कि लैब के मुताबिक, फुल क्रीम और टोंड दूध दोनों के नमूनों में डिटर्जेंट और जमी हुई वसा पाई गई।
उन्होंने कहा कि नमूने पहले मेरठ की स्टेट लैब में जांच के लिए भेजे गए थे जहां उनके खराब गुणवत्ता के होने का पता चला था लेकिन मदर डेयरी ने जांच की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए नमूनों की कोलकाता स्थित सेंट्रल लैबोरेट्री में दोबारा जांच की मांग की थी।
मांगी गई कानूनी कार्रवाई की मंजूरी
अधिकारी ने बताया कि कोलकाता की लैब ने जिला मजिस्ट्रेट विमल कुमार शर्मा को अपनी रिपोर्ट सौंपी जिन्होंने मदर डेयरी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की मंजूरी हासिल करने के लिए उसे आयुक्त के पास भेज दिया।
वहीं मदर डेयरी के मार्केटिंग प्रमुख संदीप घोष ने कहा कि उन्हें अब तक कोलकाता स्थित लैब की रिपोर्ट नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि दोनों जांच की रिपोर्ट में अंतर हैं जिसे देखते हुए मदर डेयरी उन्हें चुनौती देने के लिए उचित कानूनी मंच का रुख करेगी।