भोपाल। मप्र पुलिस के लिए यह शर्मसार कर देने वाला आंकड़ा है। पूरे भारत में मप्र अकेला ऐसा राज्य है जहां मासूम लड़कियों के साथ सर्वाधिक बलात्कार हुए। इस तरह की वारदातें पूरे देश में बढ़ीं हैं परंतु जिस प्रदेश का मुख्यमंत्री खुद को 'मामा' बताता हो, उस प्रदेश में बच्चों से रेप और किडनेपिंग की घटनाओं का बढ़ना सत्ताधारियों की क्षमाताओं पर सवाल खड़े करता है।
भारत में पिछले पांच साल में बच्चों से बलात्कार के मामलों में 151 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2010 में दर्ज 5,484 मामलों से बढ़कर यह संख्या 2014 में 13,766 हो गई है। इसके अलावा बाल यौन शोषण सरंक्षण अधिनियम (पोक्सो एक्ट ) के तहत देश भर में 8,904 मामले दर्ज किए गए हैं ।
एनसीआरबी के अनुसार भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत महिला (बच्ची) की लाज भंग करने के इरादे से किए गए हमले के 11,335 मामले दर्ज किए गए हैं। आंकड़ों में जानिए देश में बच्चों से बलात्कार और छेड़छाड़ के मामलों के बारे में। बच्चों से बलात्कार के मामलों में मध्य प्रदेश सबसे ऊपर रहा और उसके बाद महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश रहे।
संसद में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2014 तक पोक्सो के तहत दर्ज 6,816 एफ़आईआर में से सिर्फ़ 166 में ही सज़ा हो सकी है। यह 2.4 प्रतिशत से भी कमज़ोर दर है। इसी तरह एनसीआरबी के अनुसार 2014 तक पांच साल में दर्ज मामलों में 83प्रतिशत लंबित थे जिनमें से 95 प्रतिशत पोक्सो के मामले थे और 88 प्रतिशत ‘लाज भंग’ करने के थे।