शिवराज ने दालें भी महंगी कर दीं: टैक्स छूट हटाई

भोपाल। वर्ष 1998 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा गरीब की दाल रोटी पर दी गई टैक्स छूट वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हटा दी है। इस तरह अब दाल पर मंडी टैक्स भी लगेगा और पहले से ही महंगी हो चुकीं दालें, थोड़ी और महंगी हो जाएंगी। हालांकि मंत्री उमाशंकर गुप्ता एवं गोपाल भार्गव ने इस पर आ​पत्ति दर्ज कराई परंतु उन्हें अनसुना कर दिया गया।

यह छूट प्रदेश की दाल मिलों को 1998 से मिल रही थी, जिसकी मियाद 22 अगस्त 2015 को पूरी हो गई। उम्मीद थी कि शिवराज सिंह की सरकार इस छूट को 10 साल के लिए आगे बढ़ा देगी परंतु ऐसा नहीं हुआ।

कैबिनेट बैठक में मंगलवार को यह प्रस्ताव लाया गया था कि राज्य के बाहर से आ रही दालों पर तो मंडी टैक्स की छूट को खत्म कर दिया जाए, लेकिन विदेश से आयातित दालों को मिलने वाली यह छूट एक साल तक जारी रखी जा सकती है। इस पर मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा से पूछा कि विदेश से कितनी दाल मप्र आयात होती है? इसका कोई आंकड़ा नहीं के कारण वे जवाब नहीं दे पाए। इतना जरूर कहा कि विदेश से आयातित होने वाली दालों पर 3 करोड़ रुपए मंडी टैक्स मप्र को मिलता है। चर्चा आगे बढ़ी तो उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि अभी तो दालों की कीमतों को रोकने के लिए विचार होने चाहिए। गुप्ता का पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव व वित्तमंत्री जयंत मलैया ने भी समर्थन किया परंतु मंत्रियों के तर्क स्वीकार नहीं किए गए।

200 रुपए बढ़ेंगे भाव
मप्र दाल-चावल व्यवसायी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मोतीराम वाधवानी के मुताबिक इस समय तूअर दाल की कीमत 10 से 12 हजार रुपए प्रतिक्विंटल है। खड़ी दाल के आयात पर प्रति 100 रुपए पर 2 प्रतिशत मंडी टैक्स (यानी दो रुपए) लगता है। साफ है कि यदि व्यापारियों को मंडी टैक्स देना पड़ा तो प्रति क्विंटल दाल की कीमतों पर 200 रुपए ज्यादा लगेंगे। 

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