कलेक्टर ने चर्च के नाम कर दिए पहाड़, चाह और कब्रिस्तान

Bhopal Samachar
भोपाल। इंदौर कलेक्टर पी नरहरि पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी जमीन, पहाड़ और पुराना कब्रिस्तान चर्च के नाम कर दिए। यह उन्होंने उस समय किया जब वो ग्वालियर कलेक्टर हुआ करते थे। शिकायत लोकायुक्त से की गई है।

उक्त जमीन की कीमत लगभग 4 करोड़ रुपए बताई जा रही है, जबकि वह भूमि चार अलग-अलग खसरों में पहाड़, कब्रिस्तान, चाह तथा शासकीय भूमि पहाड़ के नाम पर दर्ज थी, जिसे पूर्व में अंग्रेज फौज बशरहा के नाम पर बताया गया। जब वर्ष 1947 में अंग्रेज देश छोड़ कर जा चुके और देश आजाद हो गया तो उनके नाम पर कैसे जमीन हो सकती? उक्त जमीन इंडियन चर्च ट्रस्टीज चर्च आॅफ इंडिया के नाम पर करने के बाद कलेक्टर को इसकी जानकारी नहीं है।

ग्वालियर के तत्कालीन कलेक्टर पी नरहरि के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 1512-13 अ-19(2) में पारित आदेश दिनांक 28 सितंबर 2013 तथा आदेश दिनांक 3 नवंबर 2013 में ग्वालियर स्थित सर्वे क्रमांक 783 में स्थित रकबा 0.742 हेक्टेयर भूमि पहाड़, सर्वे क्रमांक 784 में रकबा 0.052 हेक्टेयर भूमि कब्रिस्तान, सर्वे क्रमांक 785-0.010 हेक्टेयर भूमि चाह तथा सर्वे क्रमांक 786 हेक्टेयर 0.337 पहाड़ की शासकीय भूमि जो कि राजस्व अभिलेख मिसिल बंदोवस्त की भांति उक्त भूमि पर पुन: कब्रिस्तान होने की बात कही गई थी, उसे जांच प्रतिवेदन में लेकर सचिव काईस्ट चर्च मुरार को तलब कर उनकी सुनवाई की गई और इस मामले में विशप श्रीधर इंगले ने उपस्थित होकर जवाब में बताया कि उक्त सर्वे नंबरान कारखाना कब्रिस्तान अंग्रेज के नाम से रहे है।

इसलिए इंडियन चर्च एक्ट 1927 के तहत जितनी भी चर्च आॅफ इंग्लैंड की संपत्ति इंडिया में थी वह चर्च आॅफ इंडिया में समायोजित की जाए। इस तर्क पर कलेक्टर पी नरहरि ने उक्त भूमि नागपुर में स्थित इंडियन चर्च ट्रस्टीज चर्च आॅफ इंडिया (सीआईपीबीसी) के नाम पर दर्ज कर दी। यानी सरकारी संपत्ति चर्च के नाम पर कर दी गई।

भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!