भोपाल। लंबे समय के बाद गैर राप्रसे के अफसरों को आईएएस अवार्ड मिलेगा। मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने 14 विभागों के 60 नामों में से 20 का चयन किया है। इन्हें जल्द ही डीओपीटी दिल्ली भेजा जाएगा। वहां पर इन नामों में से 4 गैर राप्रसे अफसरों को आईएएस अवार्ड दिया जाएगा। इनमें महिला एवं बाल विकास विभाग, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग, पीएचई, पशुपालन, वाणिजियक कर विभाग, उद्यानिकी, कृषि, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों के नामों पर विचार हुआ।
संभावना जताई जा रही है कि इस बार गैर राप्रसे अफसरों को आईएएस अवार्ड हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में गैर राप्रसे से आईएएस में एनएस भटनागर का चयन हुआ था। उसके बाद से गैर राप्रसे का कोई अधिकारी आईएएस नहीं बन पाया। पिछले 9 सालों से गैर राप्रसे अफसरों का प्रस्ताव तो कई बार तैयार हुआ, लेकिन वह हर बार दिल्ली पहुंचने से पहले ही विवादों में घिर गया। इसकी मुख्य वजह गैर राप्रसे अफसरों की आपसी खींचतान और राप्रसे अफसरों की आपत्ति रही है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में दायर प्रवीण कुमार एवं अन्य की याचिका में फैसला आने के बाद डीओपीटी ने इस मामले में सभी राज्यों को गैर राप्रसे अधिकारियों को आईएएस में चयन करने के प्रस्ताव समय पर भेजने के निर्देश दिए हैं।
इन नामों पर हुआ विचार -महिला एवं बाल विकास विभाग से अक्षय श्रीवास्तव, विशाल नाडकर्णी, अमिताभ अवस्थी, प्रज्ञा अवस्थी, संध्या व्यास, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से एनएस परमार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से पीसी शर्मा, वित्त विभाग से मंजू शर्मा, मनोज श्रीवास्तव, वीरेन्द्र कुमार, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग से एनपी मालवीय, बीबीएस चौधरी, पीके रघुवंशी, आलोक जैन, सुनील चतुर्वेदी, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग से एसके मुदगल, विष्णु खरे, मयंक वर्मा, राजीव निगम और सुरेश बेलिया सहित अन्य विभागों के अधिकारियों के नाम पर विचार हुआ। समिति ने आईएएस अवार्ड के लिए इन अफसरों की पांच साल की सीआर ग्रेडिंग को महत्व तो दिया ही साथ ही में संबंधित अधिकारी द्वारा विभिन्न् पदों पर किए गए प्रशासनिक कार्य अनुभव को देखते हुए 20 नामों का चयन किया।