उज्जैन। उज्जैन में आपात स्थितियां निर्मित हो गईं हैं। सारे शहर में क्षिप्रा नदी का पानी भर गया है। सड़कों पर मोटरवोट चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। राहत शिविर स्थापित कर दिए गए हैं। अधिकारियों ने राहत के लिए क्षिप्रा नदी की पूजा प्रार्थना की है। अब तक 5000 लोगों को राहत शिविर तक ले जाया गया है।
अब तक यहां प्रदेश में सबसे ज्यादा 24 घंटे में 17.5 इंच बारिश हुई है। उज्जैन के कलेक्टर कवीन्द्र कियावत और एसपी मनोहर वर्मा ने घाट पर शिप्रा को मनाने के लिए पूजा भी की है। इंदौर की सभी सड़कों पर दो से तीन फीट पानी भरा हुआ है।
सड़क, पटरी और पुल डूबे, उफान पर आई नदी
उज्जैन में भारी बारिश के चलते शिप्रा और गंभीर दोनों नदियां उफान पर हैं। रामघाट पर शिप्रा का पानी घाट पर बने मंदिर और पुल तक पहुंच गया है। सड़कों ने तालाब का रूप ले लिया है और कई काॅलोनियों में घुटने-घुटने तक पानी भर गया है। गंभीर नदी पर बना बांध भर गया है जिसके कारण प्रशासन ने तत्काल दो गेट खोल दिए हैं। 5000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।
ट्रेन रूट भी प्रभावित, सारा शहर बंद
शहर की सड़कें तो पूरी तरह जलमग्न हो ही गई है रेल की पटरियां भी पानी में डूब गई हैं। जिसके चलते इंदौर, भोपाल और रतलाम मार्ग की गाड़ियां प्रभावित हुई है। रेलवे पटरियों पर पानी जमा होने के चलते इंटरसिटी, भिंड और अवंतिका एक्सप्रेस जैसी कई गाड़ियां घंटों स्टेशन पर खड़ी रहीं।