भोपाल। इस साल एमबीए और एमसीए के भी हाल बुरे हैं। स्टूडेंट्स की इंक्वारी तक नहीं आ रहीं हैं। हालात यह हो गए हैं कि कॉलेजों ने एमबीए की 10 हजार और एमसीए की 600 सीटें सरेंडर कर दीं हैं जबकि 16 कॉलेज तो बंद ही हो गए। प्रदेश में अब एमबीए 187 से 178 कॉलेज बचे हैं। वहीं एमसीए में 63 से 55 ही रह गए हैं।
एमबीए और एमसीए में प्रवेश कराने के लिए डीटीई ने पंजीयन शुरू करा दिया है। दोनों पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थी 12 से 30 जून तक पंजीयन और सत्यापन करा पाएंगे। विभाग दो जुलाई को मेरिट सूची जारी कर तीन को विद्यार्थियों को कॉलेज आंवटित कर देगा। उन्हें छह जुलाई तक कॉलेज में पहुंचकर प्रवेश लेना होगा। वर्तमान में सिर्फ बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को छोड़ किसी ने भी छठवें सेमेस्टर के रिजल्ट घोषित नहीं किए हैं। विवि 30 जून तक अपने रिजल्ट घोषित कर देंगे। इसलिए विभाग तीन जुलाई को अलाटमेंट जारी करेगा।
फीस में नहीं हुई कोई बढ़ोतरी
एमबीए और एमसीए में पढ़ने का क्रेज भले ही विद्यार्थियों में कम हो गया हो, लेकिन उनकी फीस में कोई गिरावट नहीं आई है। प्रवेश एंव फीस विनियामक समिति ने सत्र 2013-14, 2014-15 और 2015-16 की फीस निर्धारित की थी, जो इस वर्ष पर भी लागू होगी। एमबीए में अधिकतम फीस 35 हजार 500 और न्यूनत फीस 18500 रुपए प्रति सेमेस्टर तय हुई है। वहीं एमसीए में अधिकतम फीस 30 हजार रुपए और न्यूनतम फीस 17500 रुपए प्रतिवर्ष तय हुई है। ये फीस बस वर्तमान सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों पर लागू होगी।
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कॉलेजों के आवेदनों पर गौर करने के बाद उन्हें काउंसलिंग से हटाया गया है। शेष कॉलेजों की सीटों पर प्रवेश कराने के लिए काउंसलिंग शुरू की गई है।
ल्ल डॉ. आशीष डोंगरे
संचालक, तकनीकी शिक्षा विभाग