वसुंधरा की तरफ पैर करके बैठते थे ललित मोदी: IAS

Bhopal Samachar
जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया से दोस्ताना संबंध रखने वाले ललित मोदी रिश्तों में आई तल्खी से दुखी थे। वह प्रायश्चित कर रहे थे और कोशिश में थे कि वसुंधरा के साथ रिश्तों में आई तल्खी खत्म हो जाए। राजस्थान विधानसभा चुनाव के ठीक पहले दिसबंर 2013 में दोनों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई थी। तब ललित मोदी ने वसुंधरा की टीम के अहम सदस्यों पर चुनावी टिकट बेचने का आरोप लगाया था। उस वक्त ऐसी खबर भी आई थी कि वसुंधरा ने ललित मोदी के प्रत्याशियों की उपेक्षा की थी।

अब ललित मोदी दावा कर रहे हैं कि वसुंधरा ने ब्रिटेन में ट्रैवल डॉक्युमेंट हासिल करने के लिए उनके ऐप्लिकेशन पर हस्ताक्षर कर समर्थन किया था। ललित मोदी के इस दावे से वसुंधरा हैरान हैं और उन्होंने इसे खारिज किया है। ललित मोदी के समर्थन में वसुंधरा पर यह बयान देने का आरोप है, 'सिविल लाइन्स 13 जयपुर, राजस्थान, भारत से मैं वसुंधरा राजे। मैं यह बयान ललित मोदी के लिए किसी भी इमिग्रेशन ऐप्लिकेशन के समर्थन में दे रही हूं लेकिन इसके लिए एक सख्त शर्त है कि इंडियन अथॉरिटीज को पता नहीं चलना चाहिए।' इस बयान को मोदी के वकील महमूद अब्बी द्वारा नियुक्त पीआर फर्म ऐडफैक्टर ने मंगलवार को जारी किया है।

नाम नहीं बताने की शर्त पर बीजेपी के एक सीनियर पदाधिकारी ने कहा कि ललित मोदी अब वसुंधरा से बदला ले रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने जोड़ा कि ललित मोदी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पीड़ित नहीं बनाना चाहते क्योंकि उन्होंने उनकी मदद की है। इसलिए वह अब दूसरी नेता को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस कड़ी में अब वह कांग्रेसी नेताओं को भी लपेट रहे हैं जिन्होंने कई अलग-अलग मौकों पर इनकी मदद की है।

वसुंधरा के पहले शासनकाल (2003-2008) के दौरान ललित मोदी राजस्थान में सत्ता के समानांतर केंद्र थे। तब राज्य के ब्यूरोक्रेट्स ललित मोदी की अकड़ से खुद को आहत महसूस करते थे। राजस्थान में सत्ता के गलियारों में ललित मोदी की पहुंच चौतरफा थी। एक सीनियर ब्यूरोक्रेट ने याद करते हुए बताया कि वह वसुंधरा के सामने सेंट्रल टेबल पर पैर रखकर बैठते थे।'

जब दिसंबर 2013 में वसुंधरा ने राजस्थान की सत्ता दोबारा संभाली तो स्थिति बिल्कुल बदल चुकी थी। वसुंधरा ने मोदी से दूरी बना ली थी। यह मोदी और उनके समर्थकों के लिए करारा झटका था। मोदी के राजस्थान क्रिकेट असोसिएशन के चुनाव जीतने के बावजूद डिस्ट्रिक्ट असोसिएशन ने पैंतरा बदल लिया। बीजेपी अल्पसंख्यक सेल के लो प्रोफाइल नेता अमीन पठान को मोदी की जगह आरसीए का बॉस बनाया गया। आरसीए के अधिकारियों का कहना है कि मोदी अचानक इस बदलाव से झुंझला गए थे। उन्हें लगता था कि बिना वसुंधरा के समर्थन के ऐसा असंभव था। फिलहाल आरसीए निष्क्रिय है क्योंकि राजस्थान हाई कोर्ट ने पठान प्रेजिडेंट चुने जाने पर स्टे लगा दिया है।

ललित मोदी जयपुर में वसुंधरा द्वारा क्रिकेट स्टेडियम प्रॉजेक्ट को हटाने से भी हैरान थे। यह स्टेडियम प्रॉजेक्ट ललित मोदी का ही दिमागी फितूर था। जयपुर डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने 2012 में शहर के बाहरी इलाके के चोप गांव में राजस्थान क्रिकेट असोसिएशन के लिए 18 हेक्टेयर जमीन स्टेडियम निर्माण के लिए आवंटित की थी। आखिरी में निराश ललित मोदी ने अरुण जेटली के बेहद करीबी बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव पर चुनावी टिकट बेचने का आरोप मढ़ा। ललित मोदी की यह रणनीति भी औंधे मुंह गिरी और बीजेपी राजस्थान की कुल 200 सीटों में से 163 जीतने में कामयाब रही। भूपेंद्र यादव की जड़ें आरएसएस में बेहद गहरी हैं। उन्हें राजस्थान बीजेपी में आंतरिक मतभेदों को खत्म करने के लिए बुलाया गया था और यह शायद राजे-मोदी संबंध का आखिरी मोड़ था।

भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!