भोपाल। पश्चिम मध्य रेलवे के इटारसी जंक्शन के सेंट्रल केबिन में आग लगने के लगभग 30 घंटे बाद भी रूट रिले इंटर लॉकिंग (आरआरआई) सिस्टम में सुधार नहीं हो सका है। इसके चलते गुरुवार भी इस रूट से निकलने वाली लगभग 100 से भी ज्यादा यात्री गाडिय़ों और लगभग 50 मालगाडिय़ों के प्रभावित होने की आशंका है।
एलटीटी-लखनऊ, गोरखपुर-एलटीटी सुपर फास्ट एक्सप्रेस को निर्धारित रूट से चलाया तो गया पर वे यहां काफी देरी से पहुंचीं। इस कारण उनमें सवार होने वाले यात्रियों को घंटों भोपाल स्टेशन पर परेशान होना पड़ा। सुबह से ही ऐसे हालात भोपाल स्टेशन पर नजर आए। रेलवे के इंक्वायरी नंबर 139 से लेकर नेशनल ट्रेन इंक्वायरी तक पर यात्रियों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। हालांकि भोपाल व हबीबगंज स्टेशन पर मौजूद रेलवे स्टाफ जरूर यात्रियों को जानकारी देने में लगा रहा। भोपाल स्टेशन के मैनेजर प्रदीप सिंह ने बताया कि ट्रेनों को गुरुवार सुबह से ही निर्धारित रूट पर चलाया जाने लगा है। एक-दो दिन में हालात पर काबू कर लिया जाएगा।
पश्चिम मध्य रेल के जनसंपर्क अधिकारी आईए सिद्दीकी ने बताया कि आग लगने के कारण आरआरआई सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए मानवीय तंत्र के आधार पर ट्रेनें चलाई जा रहीं हैं। सिस्टम को सुधारने के लिए 100 से 150 तकनीशियनों का दल इटारसी में काम कर रहा है। घटना की जांच के लिए रेलवे ने एक जांच दल बनाया है। वहीं रेल बोर्ड के यातायात मामलों के सदस्य भी इटारसी में मौजूद हैं।
तंत्र के सुधारे जाने के बारे में रेल प्रशासन हालांकि कुछ तय समय सीमा नहीं बता रहा है, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तंत्र के सुधरने में अभी दो से तीन दिन का समय और लग सकता है। गौरतलब है कि आरआरआई सिस्टम लगभग 40 से 45 किलोमीटर तक की दूरी तक का सिग्नल तंत्र नियंत्रित करता है, जिससे ट्रेन एक से दूसरे स्टेशन तक नियंत्रित रहती है। इस तंत्र के पूरी तरह ध्वस्त होने के कारण ट्रैक से निकलने वाली 150 से भी ज्यादा यात्री और मालवाहक गाडिय़ां प्रभावित हो रही हैं।
अग्निकांड के कारण बुधवार को पश्चिम मध्य रेल ने लगभग 75 गाडिय़ों में से कुछ को रद्द कर दिया था और कुछ को परिवर्तित मार्ग से चलाया था। रेल प्रशासन ने हालांकि यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष रूप से स्टेशनों पर खान-पान की व्यवस्था से लेकर यात्रियों की टिकट वापसी तथा पूछताछ हेतु भोपाल, बीना, हबीबगंज एवं इटारसी पर अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं। इसके साथ ही देरी से चल रही गाडिय़ों की कोई उचित सूचना नहीं मिलने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त जिन गाड़ियों में निर्धारित दूरी तक यात्रा करना अनिवार्य था उस नियम को भी रेलवे ने शिथिल किया है।