MP OBC आरक्षण के लिए मुख्यमंत्री की दिल्ली में मीटिंग, पढ़िए सरकार कहां तक पहुंची

Bhopal Samachar
नई दिल्ली 23 सितंबर 2025
. मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 22 सितंबर को देर रात नई दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल श्री तुषार मेहता, सहित अनेक जनप्रतिनिधियों से भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संबंध में राज्य सरकार द्वारा प्रतिबद्धता के साथ कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमन्त्री डॉ मोहन यादव ने सोमवार को नई दिल्ली में सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस संबंध में विस्तार से विमर्श किया। 

PWD सहित कई विभागों में 27% ओबीसी आरक्षण लागू है

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुसार हरसंभव प्रयास किए हैं। जिन विभागों में गुंजाइश थी उन सभी विभागों में आरक्षण देने में सरकार पीछे नहीं रही। कई विभाग जिनमें स्टे नहीं था, जैसे लोक निर्माण विभाग आदि में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग को उनका हक दिलाने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर हो रही जातिगत जनगणना से भी मदद मिलेगी।

मध्य प्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण की टाइमलाइन

दिनांक 08 मार्च 2019 को म.प्र. शासन द्वारा अध्यादेश जारी कर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए शिक्षा एवं सेवाओं में आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया गया। दिनांक 14 अगस्त 2019 को विधानसभा में विधेयक पारित कर इसे कानून के रूप में लागू किया गया।

सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण अधिनियम की वैधानिकता पर फैसला होगा

वर्तमान में 19 मार्च 2019 को दायर WP 5901/ 2019 (आशिता दुबे विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन) सहित 40 से अधिक प्रकरण उच्चतर न्यायालयों में प्रचलन में हैं, जिनमें मूलतः अंतरिम आदेश द्वारा अध्यादेश/अधिनियम में 14 प्रतिशत से अधिक आरक्षण के क्रियान्वयन पर रोक लगाई गई है, परंतु अधिनियम की वैधानिकता पर न्यायालय द्वारा कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की गई है। अतः उपरोक्त अधिनियम आज की स्थिति में वैधानिक है एवं इसकी वैधानिकता पर वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में याचिका क्रमांक Writ Petition (s) (Civil) No(s). 606/2025 में अंतिम सुनवाई होना नियत है।

इन मामलों में 27% ओबीसी आरक्षण पर रोक लगी है

दिनांक 19 मार्च 2019 को दायर याचिका WP 5901/2019 (आशिता दुबे विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन) में अंतरिम आदेश द्वारा अध्यादेश के आधार पर 14 प्रतिशत से अधिक आरक्षण महावि‌द्यालय में प्रवेश के दौरान न देने के निर्देश दिये। (चिकित्सा शिक्षा विभाग) WP No.-25181/2019, WP No.-8923/2020 एवं 40 अन्य याचिकाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ प्रकाशित विज्ञापनों (यथा MPPSC, PEB, TET आदि) पर रोक लगाई गई। उपरोक्त प्रकरणों में समय-समय पर पारित अंतरिम आदेश के कारण प्रावधानित 27 प्रतिशत अन्य पिछडा वर्ग आरक्षण का क्रियान्वयन प्रायोगिक रूप से संभव नहीं हो पाया है।

शासन द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रचलित WP No.-25181/2019, WP No.-8923/2020 एवं 40 अन्य याचिकाओं को WP 5901/2019 के साथ सम्मिलित कराया गया। उपरोक्त याचिकाओं में पारित अंतरिम आदेशों के म‌द्देनजर महाधिवक्ता के माध्यम से मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रभावी प्रतिरक्षण की कार्यवाही सुनिश्चित की गई।

दिनांक 29 सितंबर 2022 को सामान्य प्रशासन विभाग ‌द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को परीक्षा परिणाम दो भागों में, 87 प्रतिशत पदों पर मुख्य तथा 13 प्रतिशत पदों पर प्रावधिक परिणाम घोषित करने के निर्देश जारी किये गए।

दिनांक 27 जनवरी 2024 को सामान्य प्रशासन विभाग‌द्वारा मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड को परीक्षा परिणाम दो भागों में, 87 प्रतिशत पदों पर मुख्य तथा 13 प्रतिशत पदों पर प्रावधिक परिणाम घोषित करने के निर्देश जारी किये गए।

ओबीसी आरक्षण का केस कोर्ट में थोड़ा कमजोर क्यों है

क्योंकि 50 प्रतिशत की उपरोक्त सीमा के संबंध में विद्यमान असाधारण परिस्थितियों (Extra ordinary circumstances) का विवरण/विश्लेषण का आधार अधिनियम में स्पष्ट नहीं है। इसके बावजूद अधिनियम के प्रभावी प्रतिरक्षण का सशक्त प्रयास मध्यप्रदेश शासन ‌द्वारा महाधिवक्ता के माध्यम से किया जा रहा है।

आयोग असाधारण परिस्थितियों का चिन्हांकन कर रहा है

दिनांक 02 सितंबर 2021 को मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया गया। मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के उद्देश्य अनुसार - पिछड़े वर्गों की सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक प्रस्थिति, इस वर्ग के पिछड़ेपन के कारणों के अध्ययन हेतु शासन आदेश दिनांक 06/10/2023 द्वारा दो सदस्यों की नियुक्ति की गई। अन्य असाधारण परिस्थितियों का चिन्हांकन भी उद्देश्यों में शामिल है।

दिनांक 05 मई 2022 को मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग द्वारा म.प्र. शासन को प्रथम प्रतिवेदन एवं दिनांक 12 मई 2022 को ‌द्वितीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।

नगर पालिका और ग्राम पंचायत चुनाव में 35% ओबीसी आरक्षण लागू

सुरेश महाजन बनाम म.प्र. शासन WP 278/2022 केस में दिनांक 18 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय द्वारा स्थानीय निर्वाचन (ग्रामीण एवं नगरीय निकाय), अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण (35 प्रतिशत तक) के साथ चुनाव करवाने हेतु अनुमति प्रदान की गई। अन्य पिछड़ा वर्ग के राजनैतिक प्रतिनिधित्व के लिए यह अभूतपूर्व कदम था।

विभिन्न राज्यों में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण और कुल आरक्षण की सापेक्ष स्थिति के दृष्टिगत भी राज्य सरकार अपना पक्ष रख रही है।

उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संबंध में विचाराधीन समस्त याचिकाएँ उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली, स्थानांतरित की गयी। वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में याचिका क्रमांक Writ Petition(s) (Civil) No(s). - 606/2025 में अंतिम नियत है।

ओबीसी आयोग के प्रतिवेदन का इंतजार है

दिनांक 23 जुलाई 2025 को पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के नए अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति की गई है।मध्यप्रदेश पिछडा वर्ग कल्याण आयोग ने शासन स्तर पर अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक एवं राजनैतिक आंकड़ों को एकत्रित करने के साथ साथ उनके पिछड़ेपन के कारणों का सर्वेक्षण तथा वैज्ञानिक अध्ययन करने के लिए डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्ववि‌द्यालय (महू) एवं म.प्र. जन अभियान परिषद (योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग) को कार्य सौंपा है। साथ ही उपलब्ध आंकड़ों के सामाजिक-वैज्ञानिक अनुसन्धान एवं सांख्यिकीय विश्लेषण हेतु विशेषज्ञ संस्थाओं की सेवायें भी ली जा रही हैं।

मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग द्वारा उपरोक्त बिन्दुओं पर अनुभवजन्य एवं विश्लेषणात्मक प्रतिवेदन तैयार करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत शासन ‌द्वारा आगामी कार्यवाही की जाएगी।
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