राजेश शुक्ला/अनूपपुर/डेस्क/भोपाल। सरकारी अजूबे तो अनूपपुर के कौने कौने बिखरे पड़े हैं। यहां ताजा अजूबा यह है कि जिस गांव में कोई नदी नाला ही नहीं, उसमें एक स्टॉपडेम स्वीकृत हुआ, बनाया गया, निरीक्षण हुआ और पेमेंट भी हो गया। अब जब मामले का खुलासा हुआ तो घोटालेबाजों ने तत्काल यूटर्न लेते हुए पूरा पैसा सरकारी खजाने में जमा करा दिया, लेकिन सवाल यह है कि ऐसे कितने स्टॉपडेम और दूसरे सरकारी प्रोजेक्ट हैं जो अनूपपुर में केवल कागजों पर ही बन जाते हैं।
यह कोई नया मामला नहीं है, ऐसे कई मामलों की स्याही जिले के कई स्थानों में सूख भी नहीं पाती की एक नया मामला सामने आ जाता है। मामला है ग्रामीण यांत्रिकी सेवा राजेन्द्रग्राम का है, जहां ग्राम खाल्हेदूधी के लिए स्टापडैम स्वीकृत होकर पैसा निकल गया और गांव में स्टापडैम नहीं बना। विभाग के इंजीनियर रामफल कोल व ठेकेदार जो इसी क्षेत्र के गांव फरहत के निवासी है इन्होने लगभग 3 लाख से ऊपर की राशि स्टापडैम बनाने के लिए निकाल ली। परंतु स्टापडैम स्वीकृत जगह से नदारद है।
तकनीकी प्रक्रिया की बात की जाये तो जिस जगह न कोई नदी है और न ही नाले है उस जगह स्टापडैम स्वीकृत होना ही नहीं चाहिए। अब ऐसे में यह सब कैसे हो गया यह जॉच का विषय है। बहरहाल इस पूरे मामले में विभाग के इंंजीनियर रामफल कोल कहना है कि कम्प्यूटर ऑपरेटर के गलती के कारण गांव का नाम गलत हो गया था। इस कारण ऐसा हुआ है।
विभाग की बात करें तो अभी हाल में इसी विभाग के कार्यपालन यंत्री सहित मुख्य लेखापाल के ऊपर लोकायुक्त का छापा पड़ा था उसके बाद भी विभाग के नौकरशाह है कि लापरवाही व बदमाशी करने से बाज नहीं आ रहे।
इस पूरे मामले की जानकारी जब जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री चौधरी को लगी तो उन्होंने तत्काल मामले को संज्ञान में लेकर जॉच शुरू कर दी। जॉच होता देख विभाग के इंजीनियर रामफल कोल व उक्त ठेकेदार द्वारा निकाली गई पूरी रकम वापस जिला पंचायत के खाते में जमा कर दी गई।
सवाल यह है कि यदि जॉच कार्यवाही नहीं होती तब क्या शासन की यह राशि जमा होती? कई सवाल लिये यह मामला उच्चाधिकारी के सामने पहुंच चुका है। इस पूरे मामले पर संबंधित लोगों के विरूद्ध प्रशासन को उचित कार्यवाही करने की आवश्यकता है। इतना ही नहीं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग अनूपपुर के मुख्य लेखापाल बुद्धसेन कुम्हार जो अभी हाल में लोकायुक्त की गिरफ्त में आ चुके है उन्हे भी वहां से हटा कर अन्यत्र अटैच किया जाये।
इनका कहना है
कम्प्यूटर ऑपरेटर की गलती के कारण गांव का नाम गलत हो गया था जिस कारण ऐसा हुआ है।
रामफल कोल
उपयंत्री ग्रामीण यांत्रिकी
सेवा राजेन्द्रग्राम
इनका कहना है
निकाली गई राशि जमा कर दी गई है मामले की जांच की गई है तथा संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही के लिए प्रतिवेदन कलेक्टर महोदय के यहां भेजा गया है।
के.व्ही.एस. चौधरी
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
जिला पंचायत अनूपपुर