3 साल बाद सच साबित हुआ SP सचिन अतुलकर का दावा, मिला कंकाल

बालाघाट। रूपझर थाना क्षेत्र अंतर्गत पचामा-दादर के जंगल में 26 मई 2012 को पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर ने दावा किया था कि इस मुठभेड़ में दो नक्सलियों को मार गिराया गया था, लेकिन लाश केवल महिला नक्सली सुगना की ही मिली। उनके इस दावे को उस समय किसी ने स्वीकार नहीं किया था लेकिन आज 9 जून 2015 को वो कंकाल मिल गया जो इस मुठभेड़ में मारा गया था।

तीन वर्ष पूर्व मुठभेड़ में मारे गए नक्सली तीजू का कंकाल पुलिस ने मंगलवार को बरामद कर लिया है। यह नरकंकाल रूपझर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पचामा-दादर के जंगल में कांदला की पहाड़ी से सुबह करीब 11.30 बजे बरामद किया गया है। इस नरकंकाल को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय लेकर आई है।

नरकंकाल के बरामद होने के बाद पुलिस गिरफ्तार नक्सली दिलीप से तीजू के बारे में पूछताछ कर रही है। जिस पर दिलीप ने कई जानकारियां बताई है। पुलिस के अनुसार नक्सली तीजू उर्फ रामलाल यादव पिता मानसिंह यादव, ग्राम खुर्सेकला तहसील मानपुर जिला राजनंदगाव (छत्तीसगढ़) का रहने वाला था।

जानकारी के अनुसार मंगलवार को पुलिस भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गिरफ्तार नक्सली दिलीप उर्फ गुहा के साथ रूपझर थाना क्षेत्र के पचामा-दादर के जंगल में कांदला की पहाड़ी पहुंची। जहां नक्सली दिलीप की निशानदेही पर एसडीएम के निर्देश पर एफएसएल टीम समेत अन्य ने जमीन खोदकर नरकंकाल को बाहर निकाला।

इस कार्रवाई के दौरान आईजी डीसी सागर, एसपी गौरव तिवारी, डिप्टी कमांडेंट सीआरपीएफ हजारी लाल, एसडीओपी बैहर लोकेश सिन्हा, तहसीलदार बैहर अजीत तिर्की, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी पीएल मनोटिया, कम्पनी कमाण्डर हॉक फोर्स सलीम खान, विवेचक चौकी प्रभारी बिठली उप निरीक्षक पद्माकर तेलंग के अलावा जिला पुलिस बल, हॉकफोर्स, सीआरपीएफ, एसएएफ के जवान भी मौजूद थे।

ढाई फीट गड्ढे में दफन किया था शव
आईजी डीसी सागर के अनुसार नक्सलियों ने कामरेड तीजू का शव ऊंची पहाड़ी पर करीब ढाई फीट गड्ढे में दफन किया गया था। शव को बकायदा पॉलीथिन से पूरा लपेट दिया गया था। मौके पर केवल उसका कंकाल और पॉलीथिन थे। जिसे जब्त कर लिया गया है। इस कंकाल का जिला चिकित्सालय में पीएम कराया गया।

नरकंकाल के अवशेष जांच के लिए भेज दिए गए। हालांकि, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह पुष्टि होगी कि यह कंकाल नक्सली तीजू का ही है या फिर किसी अन्य नक्सली का। उन्होंने बताया कि कांदला की पहाड़ी से जब्त किए गए नर कंकाल का पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा।

तीन वर्ष पूर्व हुई थी मुठभेड़
पुलिस के अनुसार रूपझर थाना क्षेत्र अंतर्गत पचामा-दादर के जंगल में 26 मई 2012 को पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए थे। जिसमें एक महिला नक्सली सुगना बाई और कामरेड तीजू शामिल था। पुलिस ने महिला नक्सली सुगना का शव उसी समय बरामद कर लिया था, लेकिन नक्सली कामरेड तीजू के शव को अपने साथ ले जाने में सफल हो गए थे।

इसके बाद तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर ने दो नक्सलियों के मारे जाने के बात तो कही थी, लेकिन एक नक्सली का शव बरामद नहीं होने के कारण उसकी पुष्टि नहीं हो पाई थी। इधर, मुठभेड़ के कुछ समय बाद नक्सलियों ने कामरेड तीजू का शव कांदला की पहाड़ी में ऊंचे स्थान पर ले जाकर दफन कर दिया था। जिसका कंकाल अब 9 जून 2015 को बरामद किया गया है।

एसपी गौरव तिवारी के अनुसार नक्सली दिलीप उर्फ गुहा पिता हरुलाल उइके ने पूछताछ में बताया कि मई 2012 में हुई पुलिस मुठभेड़ में 60 नक्सली शामिल थे। जिसमें नक्सली तीजू उर्फ रामलाल यादव पिता मानसिंह यादव निवासी ग्राम खुर्सेकला तहसील मानपुर जिला राजनंदगॉव (छत्तीसगढ़) घायल हो गया था। जिसे उपचार के लिए जंगल से ले जाते समय उसकी मौत हो गई थी। जिसे पचामा-दादर के जंगल में ही दफना दिया गया था।

गिरफ्तार नक्सली दिलीप की निशानदेही पर पचामा-दादर के जंगल में कांदला की पहाड़ी से मुठभेड़ में मारे गए नक्सली तीजू का मंगलवार को कंकाल बरामद किया गया है। इस नरकंकाल का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। इस मामले में नक्सली दिलीप से और भी पूछताछ की जा रही है।
डीसी सागर, आईजी, बालाघाट जोन
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