ग्वालियर। निजी स्कूलों की मनमानी रोकने की जो मुहिम तात्कालीन कलेक्टर पी.नरहरि ने शुरू की थी, वह मुहिम अब ठंडी पड़ती नजर आ रही है। कलेक्टर द्वारा निजी स्कूलों की फीस वृद्धि निरस्त करने और मनमानी रोकने के गत 7 अप्रैल के आदेश को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया। कोर्ट के इस ऑर्डर के बाद अब नए कलेक्टर डॉ.संजय गोयल ने भी निजी स्कूलों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने से फिलहाल इनकार कर दिया है। कलेक्टर गोयल के अनुसार फिलहाल वे कोर्ट के ऑर्डर का अध्ययन करेंगे, उसके बाद ही आगे कोई एक्शन लिया जाएगा।
तात्कालीन कलेक्टर ने गत 7 अप्रैल को आदेश जारी कर शहर के सभी सीबीएसई एवं अन्य निजी स्कूलों द्वारा बढ़ाई गई फीस वृद्धि निरस्त कर दी थी। कलेक्टर ने सभी स्कूलों का प्रकरण अपने न्यायालय में लिया और विस्तृत जांच व सुनवाई के बाद पाया कि स्कूल मनमाने तरीके से 10 से 20 प्रतिशत तक फीस बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही अन्य मदों में भी अभिभावकों से फीस वसूली कर रहे हैं। स्कूलों की इस लूट-खसोट के खिलाफ ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के बैनर तले कई स्कूलों के अभिभावकों ने विरोध दर्ज कराया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने भी स्कूलों पर सख्ती करना शुरू की, लेकिन शहर के प्रमुख सीबीएसई स्कूल कलेक्टर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए, जहां पर कोर्ट ने कलेक्टर के 7 अप्रैल के आदेश को निरस्त कर दिया।
फिलहाल मैं कुछ नहीं कर सकता
एक निजी एफएम चैनल के दफ्तर में पत्रकारों से रूबरू हुए कलेक्टर डॉ.संजय गोयल ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस समय स्कूलों की मनमानी के खिलाफ कोई भी एक्शन नहीं लिया जा सकता। आदेश का अध्ययन करना पड़ेगा। पत्रकारों ने कलेक्टर को बताया कि सीबीएसई स्कूल न सिर्फ फीस वृद्धि कर अभिभावकों को लूट रहे हैं, बल्कि निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदने को मजबूर भी कर रहे हैं। वह भी स्कूल से बंधी हुई दुकानों से। जिन आठ दुकानों के पते-ठिकाने स्कूल उपलब्ध करा रहे हैं, वह भी स्कूल से जुड़े लोगों की और उनके रिश्तेदारों की हैं। इस प्रकार सीबीएसई स्कूल सुनियोजित तरीके से अभिभावकों को लूटने का रैकेट चला रहे हैं। इन सभी सवालों को सुनने के बाद कलेक्टर डॉ.संजय गोयल ने सिर्फ इतना कहा कि फिलहाल इस मामले में प्रशासन कोई एक्शन लेने के मूड में नहीं है। कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद ही वे इस संबंध में कोई कार्रवाई करेंगे।