रिश्वतखोरी के फेवर में कारोबारी

भले ही देश में फ्रॉड और करप्शन को लेकर एक विरोधी लहर चल रही हो लेकिन इनसे जुड़े एक सर्वे के अनुसार भारत में व्यवसायियों का बड़ा वर्ग थोड़ी बहुत रिश्वत का लेने देन जायज मानता है.

66 परसेंट बिजनेस करने वालों के लिए रिश्वत है जायज
भारत में भ्रष्टाचार की रोक थाम के लिए इन दिनों काफी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और आम जनता में भी इसके प्रति खासी नाराजगी है. इसके बावजूद एक सर्वे में सामने आया है कि देश के करीब ६६ प्रतिशत कारोबारियों का विश्वास है कि थोड़ी रिश्वत का लेना देना ठीक है. इन लोगों की नजर में बिजनेस को बढ़ाने के लिए गिफ्ट ऑफर करना कोई गलत प्रैक्टिस नहीं है हालाकि ये भी रिश्वत की ही एक शक्ल है.

इस सर्वे के अनुसार लगभग 80 फीसदी मानते हैं कि देश में भ्रष्टाचार में कोई कमी नहीं आई है अभी भी फैला है, जबकि 52 परसेंट सोचते हैं कि कि बिजनेस में टिके रहने के या डील क्रैक करने के लिए तोहफे देना उचित है. 27 फीसदी ने कैश पेमेंट को भी सही कहा है.  फ्रॉड और करप्शन पर अर्नेस्ट ऐंड यंग द्वारा किए गए सर्वे में ये आंकड़े सामने आए है.

सर्वे में शामिल 35 परसेंट लोगों ने स्वीकार किया कि उनके संस्थान में भ्रष्टाचार की रोकथाम और रिश्वत विरोधी नीति को लागू करना मार्केट में उनके कंप्टीशन पर गलत असर डालेगा और उनको धंधे में नुकसान पहुंचेगा. 57 फीसदी का तो ये तक कहना है कि ऐसे रेग्युलेशन के बढ़ने से उनके लिए बिजनेस को बढ़ाने और कामयाबी हासिल करने के लिए स्ट्रगल और चैलेंजेस बढ़ गए हैं. इस सर्वे में यूरोप, मिडिल ईस्ट, भारत और अफ्रीका के लगभग 3800 लोगों को शामिल करके उनका इंटरव्यू लिया गया. ऐसा नहीं है कि सभी का ऐसा मानना है करीब 60 परसेंट भारतीयों ने माना कि उनके सेक्टर में रेग्युलेटरी ऐक्टिविटी बढ़ने का नैतिक मानदंडों पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ा है.

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