भोपाल-इंदौर के बीच जन्म लेगा एक नया शहर

भोपाल। भोपाल-इंदौर के बीच नए शहर की संभावनाओं ने जन्म लेना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगरीय प्रशासन, आवास एवं पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अफसरों को निर्देश दिया कि वे भोपाल-इंदौर के बीच ग्रीन फील्ड शहर विकसित करने की योजना बनाएं।

वहीं, प्रदेश में पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश भी दिए गए, जिसके तहत पूरे प्रदेश में अगले साल एक जनवरी से पॉलीथिन पर प्रतिबंध लागू होगा जबकि उज्जैन सहित प्रदेश के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों और पवित्र शहरों में एक सितंबर से ही यह प्रतिबंध लागू हो जाएगा। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल और पवित्र शहर उज्जैन, अमरकंटक, खजुराहो, पचमढ़ी, महेश्वर, ओंकारेश्वर और ओरछा में आगामी एक सितम्बर से पॉलीथिन पर प्रतिबंध का सख्ती से पालन करवाया जाए।

बढ़ेगी आय सीमा
गरीब, मध्यम वर्ग के लिए बनने वाले ईडब्ल्यूएस और एलआईजी आवासों के लिए न्यूनतम आय सीमा बढ़ाकर ढाई लाख और पांच लाख रुपए की जाएगी। कॉलोनाइजरों के लिए नियमों का सरलीकरण करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।

शहरी क्षेत्रों में लीज नवीनीकरण नीति
शिवराज ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में लीज नवीनीकरण की नई नीति तैयार की जाए और इसके प्रकरणों का तेजी से निपटारा किया जाए। मुख्यमंत्री ने ईज ऑफ डुईंग में क्रेडाई के साथ चर्चा के बिन्दुओं पर काम करने को कहा। इसमें अलग-अलग कॉलोनियों के लिए हर बार लाइसेंस लेने की प्रक्रिया से छूट देने की मांग कॉलोनाइजर कर रहे है। कॉलोनाइजरों के लिए प्रक्रियाएं और सरल करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए। उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस और एलआईजी आवासों के निर्माण में निजी संस्थाओ का भी सहयोग लिया जाए।

बीआरटीएस की दिक्कतें दूर करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीआरटीएस के इंदौर और भोपाल की योजनाओं में आ रही दिक्कतों को दूर करे। इन मार्गों पर परमिट दिए जाने और अन्य बिन्दुओं पर भी विचार किया जाए।
ये भी दिए निर्देश
-मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना के तहत यात्रियों के लिए भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में धर्मशाला का निर्माण हो।
-प्रदेश के बाहर के प्रमुख तीर्थ-स्थलों पर प्रदेश के यात्रियों को रुकने और मार्गदर्शन की व्यवस्था बनाएं।
-कटनी और सागर की तर्ज पर घर से कचरा एकत्रित करने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सभी नगर निगमों में लागू की जाए।
-केन्द्र के स्वच्छ भारत अभियान से जोड़कर राज्य के स्वच्छता अभियान को मिशन मोड पर चलाएं।
-मप्र अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी को प्रभावी बनाए तथा इसके जरिए शहरी विकास के लिए आवश्यक धन की व्यवस्था करें।
-बेहतर वसूली करने वाले नगरीय निकायों को पुरस्कृत करें।
-375 नगरीय निकायों को अग्निशमन वाहन मिले

यह होगा फायदा
-भोपाल-इंदौर कॉरीडोर में पूरे बेल्ट में विकास होगा
-नए उद्योग आएंगे और आस-पास के छोटे गांवों को फायदा
-रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, इन क्षेत्रों में पलायन रूकेगा
-दोनों शहरों के बीच एक नया केंद्र विकसित हो सकेगा
-दोनों शहरों पर बढ़ते शहरीकरण के दबाव को संतुलित किया जा सकेगा
-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों को उस ओर मोड़ा जा सकेगा

विकास का नया केंद्र
भोपाल-इंदौर के बीच नया शहर बनने से काफी फायदा होगा। दोनों शहरों के लिए बीच में विकास का नया केंद्र बन जाएगा। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने में भी इससे सहायता मिलेगी। अभी दोनों शहरों के बीच काफी गैप है, जो नया विकसित शहर बनने से दूर हो जाएगा।
-अजय मोहगांवकर, चेयरमैन, क्रेडाई मप्र

उद्योग आकर्षित होंगे
भोपाल-इंदौर के बीच नए शहर से उद्योग आकर्षित होंगे। अभी केवल भोपाल-इंदौर के आस-पास उद्योग आते हैं, जो पूरे कॉरिडोर में आ सकेंगे। इससे पूरे बेल्ट की आबादी को फायदा होगा और प्रदेश के विकास की रफ्तार तेज होगी।
-बीके बागची, सेवानिवृत्त आईएएस

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