जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में डॉ प्रियंका गुप्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर द्वारा दाखिल याचिका क्रमांक 8793/24 में बताया है कि, लोक स्वाथ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भोपाल द्वारा 193 दंन्त शल्य चिकित्सकों की लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती प्रक्रिया अपनाई जाकर चयनित चिकत्सकों को, चॉइस फिलिंग ऑप्शन प्रदान किए बिना ही, दिनांक 16/8/2023 को अवर सचिव,लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा मनमाने तरीके से पदस्थापना आदेश जारी कर दिए गए।
मामला हाईकोर्ट तक क्यों गया
पदस्थापना के ठीक एक माह बाद, कमिश्नर लोक स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनेक दंन्त शल्य चिकित्सको को उनकी पसंद के अनुरूप ट्रांसफर कर पोस्टिंग कर दी गई। याचिकाकर्ता की दिनांक 16/8/23 को मनाशां जिला नीमच में की गई उक्त पोस्टिंग को याचिकाकर्ता द्वारा मेरिट अनुक्रम में परिवर्तित किए जाने का विभाग को लिखित में अनुरोध किया गया तथा तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री ने भी याचिकाकर्ता की मानाशा से इंदौर में पदस्थपना की अनुशंसा की गई फिर भी विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया। तब हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके लोक स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को चुनौती दी गई।
हाईकोर्ट ने क्या आदेश दिया
उक्त याचिका की प्रारंभिक सुनवाई जस्टिस संजय द्विवेदी की खंडपीठ द्वारा की गई। याचिका में उठाए गए मुद्दों पर कोर्ट ने बिना किसी हस्तक्षेप के निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ता, कमिश्नर लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय /विभाग को 10 दिन के अंदर अभ्यावेदन प्रस्तुत करे जिसे 15 दिनों के अंदर विभाग याचिकाकर्ता को चॉइस फिलिंग का अवसर प्रदान कर, मेरिट को दृष्टिगत रखते हुए मेरिट पर आदेश जारी कर पदस्थापना आदेश जारी किया जाए। याचिका कर्ता की ओर से पैरवी रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं रामभजन लोधी ने की।
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