पढ़िए इंदौर की 5वीं पास लेडी डॉन की कहानी

इंदौर। पति की हत्या और पुलिस की लापरवाही ने इस अनपढ़ सी हाउसवा​इफ को शातिर क्रिमिनल बना दिया। इतनी खूंखार की जब पति के हत्यारे जब पुलिस से गलबहियां करने लगे तो उन्हें कोर्ट में जाकर मार डाला। फिर बनाया अपना गिरोह। गिरोह में शामिल किए मासूम बच्चे और शुरू कर डाला अवैध शराब का कारोबार। 

अब लोग इसे इंदौर की लेडी डॉन शीला राठौर उर्फ़ मामी के नाम से पुकारते हैं। आगजनी, बलवा, मर्डर और अवैध शराब बेचने वाली यह शातिर महिला फिलहाल जेल में है, जिसे जल्द ही जिलाबदर किया जाएगा।

बच्चों से कराती है अवैध शराब की तस्करी, पाल रखे हैं खतरनाक कुत्ते
35 वर्षीय शीला मामी सिर्फ पांचवी तक पढी़-लिखी है, मगर पुलिस के सूत्र बताते हैं कि पूरी रेंज में उसके जितना शातिर अपराधी कोइ नहीं है। इंदौर के छत्रीपुरा थाना क्षेत्र के महू नाका में रहने वाली शीला मामी पिछले कई सालों से अवैध शराब की तस्करी और बिक्री करवा रही है। इस काम के लिए वो अपने आसपास की बस्तियों में रहने वाले 10 -12 साल के बच्चों का इस्तेमाल करती है। पहले बच्चों को अपने घर खाने पर बुलाती है। रोज़ 200-250 रूपए देने का लालच देकर उनके ही घर पर शराब रखवा देती है। ग्राहकों को सीधे उनके घर भेजती है, ताकि वो क़ानून के हाथ ना पड़े। पिछले पांच सालों में उसने कम से कम 40 बच्चों को इस काले धंधे से जोड़ लिया है। उस पर आगजनी, बलवा, मर्डर और शराब की तस्करी के कुल 8 मामले दर्ज है।

सुबह 4 बजे से शुरू करती थी शराब की बिक्री, बाल्टी से देती थी शराब
जेल जाने से पहले तक अनजान ग्राहकों को शीला मामी अपने आसपास के बच्चों के घर शराब खरीदने भेज दिया करती थी, जबकि उसके पुराने ग्राहकों के लिए उसका काराबोर उसके घर से ही चलता था। नाम ना बताने की शर्त पर पुलिस के एक पुराने अधिकारी ने बताया कि शीला का कारोबार सुबह 4 बजे से शुरू हो जाता था। वो अपने घर की छत पर बैठकर रस्सी और बाल्टी से शराब बेचती थी। पुराने ग्राहक घर के नीचे आकर आवाज देते तो वो पहले खाली बाल्टी नीचे करती जिसमें ग्राहक पैसे रख देता और फिर वो बाल्टी में शराब की बोतल नीचे पहुंचा देती थी।

पांच दरवाजों वाले घर में पाल रखे हैं खतरनाक कुत्ते
पुलिस से बचने के लिए उसने बड़े ही पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। उसका तीन मंजिला घर पहले कच्चा था मगर हर मंजिल पर वो चैनल गेट और ताला लगाकर रखती थी। उसने अपने घर में 4 खतरनाक कुत्ते पाल रखे हैं। यदि किसी से झगड़ा होता था तो वो धमकाने के लिए चारों कुत्ते लेकर नीचे आ जाती थी। उसके घर में पीछे से निकालने के लिए तीनों मंजिलों पर मिलाकर पांच दरवाजे हैं। जब भी पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा, वो भागने में सफल रही।

उसके आसपास रहने वाले लोग भी उसके समर्थक हैं। पुलिस के पहुंचते ही गली की महिलाएं पुलिस को घेरकर खड़ी हो जाती थीं। दो बार आला अधिकारियों ने पूरा फ़ोर्स और महिला पुलिसकर्मियों की टीम लेकर इसके अड्डे पर दबिश दी थी तब जाकर इसके घर पर शराब का जखीरा पकड़ाया थी।

ज़मानत पर छूटते ही फिर से शुरू कर दिया था शराब का धंधा
अपने पति गंगाधर राठौर की मौत का बदला लेने के लिए इसने जून 2008 में अपने साथियों के साथ मिलकर सुभाष चौहान का मर्डर कर दिया था। उस मामले में इसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी। न्यायालय ने बाद में इसकी जमानत की अर्जी स्वीकार कर ली थी मगर जमानत पर रिहा होते ही इसने फिर से शराब का धंधा शुरू कर दिया था। कुछ समय पहले इसे पुलिस ने एक झगड़े के मामले में गिरफ्तार किया था।

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