इंदौर। करीब 80 करोड़ की संपत्ति के मालिक एवं कारोबारी अशोक चटर्जी ने पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उनके एक फ्लेट की कुर्की के दौरान मौजूद अधिकारियों ने उनके 72 लाख रुपए मूल्य के गहने और 2 लाख रुपए नगदी चुरा लिए।
यह है मामला
एमजी रोड पर ट्रेजर आईलैंड के पास स्थित सफायर एवेन्यू का फ्लैट नं. 404 पीथमपुर में केमिकल फैक्टरी के मालिक अशोक चटर्जी का है। उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक की मनोरमागंज शाखा से करीब 50 करोड़ का लोन लिया था। इसमें उनकी फैक्ट्री, ऑफिस, जमीन और इस फ्लैट के साथ लगभग 80 करोड़ की प्रॉपर्टी मॉडगेज थी। कर्ज नहीं चुकाने के कारण बैंक ने एडीएम कोर्ट से ऑर्डर लेकर 23 फरवरी को इस फ्लैट पर अपना ताला लगा दिया था। इसके बाद उनकी अपील पर उन्हें 16 अप्रैल को दो घंटे के लिए फ्लैट से सामान निकालने की मोहलत दी गई थी। उस समय बैंक और प्रशासन ने फ्लैट में बाकी बचे सामान की लिस्ट तैयार कर चटर्जी से साइन लेकर फ्लैट फिर से सील कर दिया था।
अचानक याद आए लाखों के गहने
चटर्जी ने दो दिन पहले एक बार फिर से कलेक्टर को आवेदन देकर फ्लैट में बचे कीमती सामान निकालने के लिए गुहार लगाई थी। इस पर कलेक्टर से गुरुवार को एक बार फिर से फ्लैट से सामान निकालने की अनुमति दी थी। अनुमति के बाद वे पत्नी के साथ तहसीलदार और बैंक अधिकारी के साथ यहां पर पहुंचे और सामान निकालने लगे। तभी अचानक उन्होंने आलमारी में रखे 72 लाख रुपए के सोने के जेवर और करीब 1 लाख 62 हजार रुपए नकद चोरी होने की बात कही और तुकोगंज थाने में लिखित आवेदन दिया।
हिंदी आती तो पढ़ पाता पूरी लिस्ट
चटर्जी से जब यह पूछा गया कि उन्होंने लाखों के गहने और नकद राशि पहले ही क्यों नहीं निकाली? तो वे बोले तब मेरी पत्नी बीमार होने के कारण वहां आ नहीं सकी थी। इसके चलते गहने के बारे में जानकारी नहीं थी। फिर जब उनसे पूछा गया कि आपने एक लिस्ट भी साइन की थी, जिसमें गहनों के बारे में आपने कोई जानकारी नहीं दी थी तो वे बोले मुझे हिंदी नहीं आती है, इस कारण पता नहीं प्रशासन ने किस लिस्ट में साइन करवा ली।
गहने सबसे पहले निकालने का कहा था
तहसीलदार आनंदमोहन श्रीवास्तव और पंजाब नेशनल बैंक की वकील ज्योति दुआ ने बताया कि बैंक ने इस प्रॉपर्टी का कब्जा ले लिया है और इसे बेच भी दिया है। वे कार्रवाई रुकवाने के लिए यह सब कर रहे हैं। पुलिस की जांच में सब सामने आ जाएगा। हमने फ्लैट सील करते समय सबसे पहले कीमती गहने और नकद सहित जरूरी सामान निकालने के लिए उन्हें कहा था। पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी करवाने के साथ ही लिस्ट बनाकर चटर्जी से साइन ली गई थी। उस दौरान उन्होंने लिस्ट भी अच्छे से देख ली थी। यह सभी आरोप निराधार हैं।