19 दिन से भटक रहीं हैं पन्ना हादसे में मृत यात्रियों की आत्माएं

भोपाल। पन्ना के पांडव फाल के पास तीन सप्ताह पूर्व बस हादसे में जिंदा जले 21 यात्रियों के शव अब तक उनके परिजनों को नहीं मिल पाए हैं। हादसे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जो संवेदना दिखाई उस पर अब लालफीताशाही हॉवी हो गई। मृतकों के परिजन पन्ना, छतरपुर एवं सागर एफएसएल के चक्कर लगा रहे लेकिन उन्हें कोई यह बताने वाला नहीं कि शव कब मिलेंगे। अंत्येष्टि एवं अन्य संस्कार नहीं हो पाए।

डीएनए जांच के लिए 70 सेम्पल भेजे गए हैं, जांच रिपोर्ट कब आएगी किसी को नहीं पता। बस हादसे के बाद सरकार की एकाएक संवेदना जागी, प्रशासन भी सक्रिय हुआ। 4 मई को इस घटना के बाद प्रदेश में बसों के लिए फिर से फिटनेस और सुरक्षा की चिंता हुई लेकिन अब सब कुछ सामान्य है। मृतकों के परिजन थाने एवं कलेक्टर दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें कहीं से कोई जानकारी नहीं मिल रही।

प्रशासन ने सभी मृतकों के शव भोपाल की मार्चुरी में रखवा दिए हैं। मृतकों के परिजनों से संपर्क करना तो दूर प्रशासन की ओर से उन्हें इस बारे में कोई जानकारी देने की व्यवस्था भी नहीं की गई। घटना में 13 लोग घायल भी हुए थे। लोग परेशान होकर पन्नाा, छतरपुर और सागर एफएसएल के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। डीएनए जांच के लिए सागर फारेंसिक साइंस लेबोरेटरी में सेम्पल भेजे गए हैं। शव बुरी तरह जल चुके हैं, उनके टिश्यू एवं बोन के सेम्पल की जांच में भी दिक्कत आ रही है।

FSL में भेजे 70 सेम्पल
मृतकों की पहचान के लिए प्रशासन ने उनके परिजनों के डीएनए सेम्पल जांच के लिए सागर एफएसएल भेजे हैं। 21 लोग मारे गए लेकिन डीएनए जांच के लिए 70 नमूने भेजे गए हैं। लैब में डीएनए जांच के लिए पहले से ही अनेक सेम्पल पैंडिंग हैं इसलिए वैज्ञानिकों को समय लग रहा है। अभी दो-तीन सप्ताह और लग सकते हैं। इसलिए तब तक मृतकों के अंतिम संस्कार की संभावना भी नहीं दिख रही।

गायब हो गए हीरे के जेवर
बड़ा मलहरा के मूल निवासी एवं मुंबई के हीरा व्यापारी बद्री प्रसाद सोनी, उनकी पत्नी शशि एवं बेटी मोना की भी हादसे में मौत हो गई। उनके दो बेटे और परिजन अब शव पाने के लिए भटक रहे हैं। घर में रिश्तेदार जमा हैं लेकिन अंत्येष्टि और बाकी संस्कार कब होंगे किसी को पता नहीं। माता-पिता व बहन का साया उठ गया, बच्चों की पढ़ाई छूट गई। पूरा घर उजड़ गया। बद्री प्रसाद एक दिन पहले ही भोपाल से बड़ा मलहरा गए थे। वहां से पन्नाा जा रहे थे तभी यह हादसा हो गया। उनके भाइयों, माताजी एवं बच्चों के आंसू सूख गए। उनके पास कुछ हीरे के जेवर भी थे। बेशकीमती हीरे की 9 अंगूठियां, चैन और शशि के गले में मंगलसूत्र भी था। लेकिन इनका भी पता नहीं चला। पुलिस वालों ने कह दिया कि उन्हें यह सामान नहीं मिला।

रिपोर्ट जल्दी मांगेंगे: मेहदेले
*हादसे में कुछ परिवार पूरे खत्म हो गए। जितना संभव है मदद की जा रही है। हम गृह विभाग से डीएनए की जांच रिपोर्ट जल्दी देने का आग्रह करेंगे ताकि मृतकों के अंतिम संस्कार जल्दी हो सकें।
कुसुम मेहदेले, पशुपालन उद्यानिकी, विधि मंत्री, मप्र शासन

तीन सप्ताह में मिलेगी रिपोर्ट
बस हादसे में मारे गए लोगों के सेम्पल की जांच शुरू की गई है। एफएसएल में कुल 70 सेम्पल भेजे गए हैं, बोन एवं सेल बुरी तरह जल चुके हैं। इसलिए समय लग रहा है। जांच रिपोर्ट में अगले 2-3 सप्ताह और लग सकते हैं।
रमेश दुबे, डायरेक्टर फारेंसिंक साइंस लेबोरेटरी, सागर

हो रहा रिपोर्ट का इंतजार
हम लोग डीएनए रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। परिजनों की संवेदनाएं वाजिब हैं, कल को यह न हो कि किसी का शव किसी दूसरे को सौंप दिया। सभी शव बुरी तरह जल चुके हैं, पहचान संभव नहीं है। इसलिए परिजनों के डीएनए से मैच कराया जा रहा है। घटना में 22 लोग मारे गए थे। 21 शवों का डीएनए सेम्पल सागर भेजा गया है।
आर के माथुर, कमिश्नर सागर

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