भोपाल। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल ने हाईस्कूल की मेरिट में आने पर गुरुवार को 15 विद्यार्थियों का सम्मान तो किया, लेकिन उन्हें नाश्ता या खाना नहीं दिया। बुधवार रात ट्रेन या अन्य वाहन का सफर कर गुरुवार सुबह भोपाल पहुंचे इन विद्यार्थियों और उनके परिजनों को रात 8 बजे के बाद खाना नसीब हुआ। इन विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री ने भी मिलने बुलाया था, लेकिन वहां भी दो बिस्किट, दो मठरी और एक मिठाई के पीस के अलावा कुछ नहीं मिला।
मंडल के विज्ञान भवन में परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। मेरिट में पहले से आठवां स्थान प्राप्त करने वाले 18 विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम में बुलाया गया था। बुधवार शाम को संबंधित जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को सूचित किया गया था। उन्होंने अभिभावकों से संपर्क किया। तब कहीं गुरुवार को 15 विद्यार्थी अपने अभिभावकों के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए। इन विद्यार्थियों के आने का सिलसिला सुबह 10 बजे से शुरू हो गया था। मंडल ने इनके लिए रेस्ट हाउस खुलवा दिया। ताकि वे सफर की थकान उतार सकें और कार्यक्रम के लिए तैयार भी हो जाएं, लेकिन यहां पानी के अलावा नाश्ता या खाने का इंतजाम नहीं था। जबकि सभी विद्यार्थी सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक मंडल पहुंच चुके थे।
दो बजे रिजल्ट घोषित होने के बाद विद्यार्थी मीडिया के साथ व्यस्त हो गए। उससे फुर्सत होते ही इन्हें मुख्यमंत्री से मिलवाने ले जाया गया। पहले सीएम हाउस जाने की तैयारी थी, लेकिन बाद में मंत्रालय में ही विद्यार्थियों को बुलाया गया। सभी विद्यार्थी शाम करीब 4ः30 बजे मंत्रालय पहुंच गए। मुख्यमंत्री एक बैठक में व्यस्त थे। इसबीच विद्यार्थियों को दो बिस्किट, एक पीस मिठाई और दो मठरी का नाश्ता कराया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री बच्चों से मिले। उन्हें बुके देकर सम्मानित किया। रात करीब 7ः30 बजे मेल-मिलाव से फारिग हुए विद्यार्थी और उनके अभिभावकों ने खाना तलाशना शुरू किया। वहीं मंडल के प्रवक्ता एसके चौरसिया का कहना है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद जो छात्र बचे थे, उन्हें खाना खिलाया गया है।
स्कूल ने कराया भोजन
मेरिट में दबदबा बनाने वाले सरस्वती शिशु एवं विद्यामंदिर के विद्यार्थियों के लिए शिवाजीनगर स्थित सरस्वती विद्यामंदिर में भोजन का इंतजाम किया गया। इस भोजन में सिर्फ सरस्वती विद्यामंदिर के विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया था।
इनका कहना है
रेस्ट हाउस में सिर्फ वॉटर कूलर लगा था। नाश्ते या खाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। मंत्रालय के मीटिंग हॉल में मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान जरूर बिस्किट और मिठाई दी गई थी।
रिषिराज दुबे, मेरिट में पहले स्थान पर रहे शिवम दुबे के पिता