भोपाल। स्वास्थ्य के लिहाज से पिछड़े जिलों में डॉक्टरों के पद भरने की नई तरह से कवायद की जा रही है। माताओं और शिशुओं की मौत कम करने व अन्य स्वास्थ्य सूचकांकों को सुधारने के लिए लोक सेवा आयोग (पीएससी) से चयनित डॉक्टरों को पहले प्रदेश के हाई फोकस जिलों में पदस्थ किया जाएगा। इसके बाद बचे डॉक्टरों को जरूरत के अनुसार दूसरे जिलों में भेजा जाएगा।
पीएससी से 1271 डॉक्टरों का चयन किया जा रहा है। इन पदों के लिए करीब 1800 उम्मीदवारों ने इंटरव्यू दिए हैं। स्वास्थ्य संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में पन्ना, झाबुआ, अलीराजपुर, मंडला, डिंडोरी, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर समेत 17 जिलों में स्वास्थ्य के लिहाज से पिछड़े हैं। यहां शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर अन्य जिलों से काफी खराब है। सीजर डिलेवरी भी बहुत कम हो पाती है। फैमिली प्लानिंग के केस अन्य जिलों के मुकाबले काफी कम हैं।
इसकी बड़ी वजह डॉॅक्टर व अन्य स्टाफ की कमी है। लिहाजा पीएसएसी से चयनित होकर आने वाले डॉक्टरों की पोस्टिंग पहले हाई फोकस्ड जिलों में ही की जाएगी। यहां पीएचसी, सीएचसी व जिला अस्पतालों में डॉक्टरों के पद भरे जाएंगे। कई अस्पताल सालों से बिना डॉक्टर हैं। सरकार की पहली प्राथमिकता इन अस्पतालों में डॉक्टर पहुंचाने की रहेगी।
गौरतलब है कि हाई फोकस जिलों में डॉक्टर पहुंचाने के लिए इन जिलों में काम करने वाले मेडिकल आफिसरों को स्नातकोत्तर (पीजी) में अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं।
