एक बेटे की माँ ने पास की IAS परीक्षा

रांची। दीपमाला उस शख्सियत का नाम है जो अपने सपने को जज्बे और जिद में बदल आईएएस अधिकारी बन गईं। आठ साल की कड़ी मेहनत से आखिरकार अपना मुकाम हासिल कर ही लिया। अनगड़ा सीओ पद पर कार्यरत दीपमाला कहती हैं कि वर्ष 2007 से ही वह यूपीएससी कंप्लीट करने का प्रयास कर रही थीं। यूपीएससी परीक्षा-2013 में पांचवें प्रयास में उन्हें सफलता मिली।

इससे पहले वे दो बार इंटरव्यू दे चुकी थीं। इस बीच 2013 में दूसरे प्रयास में जेपीएससी परीक्षा पास कर डिप्टी कलेक्टर बनीं। इसके बाद अनगड़ा सीओ के रूप में योगदान दिया। दीपमाला ने कहा जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए पर नजर मंजिल पर रही। सरकारी सेवक होते हुए भी रोजाना तीन से चार घंटे पढ़ाई करना और बेटे को पढ़ाना उनकी दिनचर्या रही। 

उन्होंने कहा सबसे पहले मैंने यह खुशी अपने बेटे विशेष से शेयर की।यूपीएससी की वेबसाइट पर रिजल्ट देख बेटा खुशी से चहक उठा और कहा- मम्मी… आखिरकार आपकी जिद ने आपको आईएएस अफसर बना ही दिया।आपकी कड़ी मेहनत रंग लाई बेटे का यह कांप्लिमेंट मुझे ताउम्र याद रहेगा।


बेटा सरला बिरला स्कूल में पांचवीं का छात्र है। उन्होंने कहा कि पिता सदन प्रसाद गुप्ता बिजनेस मैन हैं जबकि मां सुधा गुप्ता एलबीएस स्कूल की डायरेक्टर हैं। सीओ के रूप में काम करते हुए मैंने देखा कि हमारे ऑफिस के आसपास दलालों की भीड़ रहती है। सीधे-सादे लोग उनके चक्कर में फंसकर अपना पैसा गंवाते हैं और दलाल हम पर दबाव बनाकर काम करवाते हैं। यह बहुत हर्ट किया। दूसरे हमारे नीचे के कुछ लोग भी इनसे मिले हुए हैं जो फाइलों को डंप रखते हैं। यह अच्छा नहीं है। इससे लोगों को निजात दिलाना पहला प्रयास होगा। 

मैं झारखंड में ही पोस्टिंग चाहती हूं ताकि यहां की जनता के लिए कुछ कर सकूं।सीओ के रूप में हमारे पास कोई खास काम नहीं होता लेकिन सरकार से जो भी काम मिला, उसे पूरा करने की कोशिश की।ई-म्यूटेशन का प्रयोग सफल रहा।अब लोगों को इसके लिए दौड़ना नहीं पड़ता है।

बेटे और बेटी का फर्क करती तो आईएएस की मां नहीं बनती
मैंने कभी भी अपने बेटों व बेटी में फर्क नहीं किया।दीपमाला जब पति के घर से यहां आई तो हमलोगों ने उसका पूरा साथ दिया।हमने मान लिया कि हमारे दो नहीं तीन बेटे हैं।यदि मैंने बेटी के साथ भेदभाव किया होता तो आज मैं एक आईएएस की मां नहीं होती।17 अप्रैल को अनु ने जब यह जानकारी दी तो खुशी से हमारी आंखें छलक उठीं।
सुधा गुप्ता, दीपमाला की मां

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