जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एनके गुप्ता की एकलपीठ ने बिना एफआईआर गिरफ्तारी की आशंका को अग्रिम जमानत का आधार मानते हुए अर्जी मंजूर कर ली। इसी के साथ जबलपुर शहर के प्रतिष्ठित उद्योगपति मुकुंददास माहेश्वरी ने राहत की सांस ली। खास बात यह भी कि कोर्ट ने शिकायत को दीवानी प्रकृति का माना।
मामले की सुनवाई के दौरान आवेदक ने अपने अधिवक्ता मानस वर्मा के साथ स्वयं पक्ष रखा। दलील दी गई कि सेशन कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दी थी कि जब पुलिस में एफआईआर ही दर्ज नहीं हुई तो अग्रिम जमानत किस आधार पर दें?
चूंकि विवाद पारिवारिक है और आवेदक के सगे भाई राजेश माहेश्वरी ने 11 लाख रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत की है अतः सुरक्षा की दृष्टि से अग्रिम जमानत का आधार बनता है। बहस के दौरान आपत्तिकर्ता के अधिवक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर दुबे की ओर से अधिवक्ता राजेश खरे, दीपक तिवारी सहित अन्य खड़े हुए और समय दिए जाने का निवेदन किया।
