राजेश निगम/लवकुशनगर/छतरपुर। ओलों में बर्बाद हुए किसान मदद की गुहार लिए अंत्योदय मेले में आए परंतु यहां विधायक ने उन्हें दुत्कार कर भगा दिया। उनकी फरियाद तक नहीं सुनीं। किसान जमीन पर बैठे गिडगिड़ाते रहे और विधायक महोदय विकास के दावे करते रहे।
विगत कई वर्षों से चली आ रही कृषि आपदा इस वर्ष भी किसानों पर भारी पड रही है। जिसका दर्द शुक्रवार को स्टेडियम में आयोजित किये गए अन्त्योदय मेला में क्षेत्र से फसल लेकर आये किसानों ने अपने दर्द को जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के सामने व्यक्त किया। चना ,और गेहूँ की मुख्य फसल से घाटे में पहुँचे किसानों को मंच पर पहुँचने से रोका गया। बमुश्किल मंच में पहुँचने पर भी उसे जमीन में बैठकर अपनी खेती की दुर्दशा बतानी पड़ी।
समाज के अन्तिम वर्ग को शासन की योजनाओं को पहुँचाने के उद्देश्य को ध्यान में रखकर आयोजित किये गए मेले में हमेशा की तरह गाँवों से लाया तो गया। लेकिन उनके आने का उद्देश्य पूरा हुआ होगा इस बात का आकलन परेशान किसान और वृद्ध महिलाओं की बदहवास भीड़ से आसानी से लगाया जा सकता था। ग्राम पँचायत पुरा की विधवा पंखी अहिरवार (80) के लगभग छह वर्ष पहले शौच से लौटते समय घुटने से पैर टूट गया।
पैसे की तंगी से इलाज नहीं करा सकी। एक मात्र भूमिहीन बेटा जैसे तैसे परिवार को पाल रहा है। महिला गरीबी रेखा का परमिट बनवाना चाहती है। जिसके कारण शासन से मिलने वाली अन्त्योदय स्वास्थ्य योजना के अन्तर्गत मुफ्त इलाज करवा सके । लेकिन छह वर्ष से अन्त्योदय मेलों के चक्कर लगा रही महिला अब बेबस हो चुकी है। गाँव के ही विन्दा अहिरवार को दो वर्ष से वृद्धावस्था पेन्शन नहीं मिली।
आँख में मोतियाबिंद के कारण अब चलने फिरने में लाचार बिन्दा ने जनपद सहित सरपंच और सचिव के कई चक्कर लगाये लेकिन उसे कोई सार्थक जवाब ना मिला। जबकि ग्राम राजापुर के लुखाईंयां अहिरवार ,रामपाल यादव ,राजाराम प्रजापति , अंधियारीबारी के मिजाजी लाल दिक्षित ,हलके यादव ,पंचमपुर के प्रभु अहिरवार ,मिहि लाल अहिरवार ,उमा शंकर पटेल अपनी फसल के नुकसान का मुआवजा पाने के लिए शीघ्र सर्वे कराए जाने की माँग के लिए आये हुए थे। कार्यक्रम में आये किसानों को पहले तो मंच पर पहुचने से ही रोका गया। लेकिन बाद में उन्हें शीघ्र सर्वे का आश्वासन दिया गया। ऐसे में अब जब मंच में बैठे जनप्रतिनिधि और अधिकारी लोगों की मूल भूत समस्याओं की तरफ ध्यान ना देकर महज अन्त्योदय मेले में अपनी आकड़ों की बाजीगरी करते ही नजर आये।
वहीँ मेले में आये चन्दला विधायक आरडी प्रजापति ने किसानों से अपने नुकसान का सर्वे खुद करते हुए नुकसान का सर्वे कृषि विभाग और पटवारी के साथ मिलकर करवाने के लिए के लिए कहा। उन्होंने किसानों पर ही आरोप लगाते हुए कहा कि किसान अब नीलगाय और गायों द्वारा किये गए नुकसान की लड़ाई में उनका साथ नहीं दे रहे हैं । मेले में लगभग 272 आवेदन प्राप्त हुए। जबकि मौके पर एक भी आवेदन निराकृत किये जाने की जानकारी नहीं दी गयी।