खिलचीपुर। ब्यावरा बीएसएनएल स्टोर में लगी रहस्यमयी, संदिग्ध आग में 50 लाख के उपकरणों के खाक होने की स्याही सूख पाती उसके पहले खिलचीपुर नगर पंचायत के स्वामित्व के जल सयंत्र में रखे करोडों के उपकरण, बगा-फत्तूखेडी जल आवर्धन योजना के लिए मंगाएं करोडों के उपकरणों, पाईप आदी आग में भस्म हो गए।
जल सयंत्र में जमा पानी और फायर बिग्रेड के होते हुए भी आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पडी. आग की विकरालता को बढाने में तेज हवाओं का योगदान रहा. ये तो गनीमत है कि पंडा जी का बाग स्थित जल सयंत्र कस्बे से कुछ हट के है। आग की विकरालता से लोग आशंकित हो उठे थे. 04 घंटे की तगडी मषक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. धुएं और तपन से नुकसान का जायजा देर रात तक लेने में कठनाई महसूस होती रही. मौके पर नपा स्टाफ, प्रशासनिक अधिकारी, और जन प्रतिनिधि पहुंच गए थे.
आग की उंची लपटों की जद में पानी की टंकी भी आ गयी थी. हो सकता है पानी की टंकी भी तपन से मजबूत नहीं रही हो. इसका फैसला जांच के बाद ही हो पायेंगा.
खिलचीपुर वैसे भी जल अभावग्रस्त कस्बों में से एक है. आग लगने के बाद जल आपूर्ति आधित होने से कस्बेवासी निजी स्त्रौतों की शरण लेने के लिए मजबूर हो गए. जल आपर्ति सुचारू करने के लिए नप अमला प्रयास कर रहा है. लेकिन ठीक से कुछ कहने की स्थिति में लगता नहीं है.
सबसे ज्यादा चोट 11.50 करोड की बग्गा्-फत्तूखेडी आवर्धन योजना के उपकरण और पाईयों के स्वाह हो जाने से पहुंची. जैसे-तैसे इस योजना का श्रीगणेश होने की नौबत आ रही थी. मई में सीएम के प्रवास की तैयारियां चल रही थी लेकिन आग ने तमाम उज्जवल संभावनाओं का बंटाधार कर दिया. सुरक्षित और कडी निगरानी में रहने वाले जल सयंत्र में आग लगी तो कैसे. इसकी खोज के परिणाम चौंकाने वाले हो सकते है.
श्याम चौरसिया
